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दि. १७ फ़रवरी २०१७ के दिन शाम ५ :३० बजे आकाशवाणी पुणे ने अपने सभागृह में शास्त्रीय संगीत सभा 'रंग गायकीचे' का आयोजन किया था। संगीत सभा के प्रारंभ में श्री. आशीष भटनागरजी ( उप महानिदेशक, अभियांत्रिकी तथा कार्यालय प्रमुख ) और श्री. रविन्द्र खासनीसजी (उप निदेशक तथा कार्यक्रम प्रमुख ) ने सभी कलाकारों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।
इस संगीत सभा में विदुषी मंजिरी कर्वे आलेगांवकर और डॉ. राजेन्द्र कांदलगावकर ने शास्त्रीयगायन प्रस्तुत किया। विदुषी आलेगांवकर ने श्री. वामनराव देशपांडे और अप्पासाहेब कनेटकरजी से जयपुर घराने की तथा श्री. बबनराव हलदंकरजी से जयपुर आगरा घराने की गायकी का प्रशिक्षण प्राप्त किया। वर्तमान में आप पंडिता कुमुदिनी काटकर और डॉ. अरुण द्रविडजी से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। पंडित कांदलगावकरजी ने श्री. विष्णुपंत घाग जी से ग्वाल्हेर घराने का प्रशिक्षण प्राप्त किया। आप भारतरत्न श्री. भीमसेन जोशी जी के शिष्य रहे है।
शुरवात में पंडित कांदलगावकरजी ने राग मुलतान प्रस्तुत किया। किराणा घराने की बंदिश 'गोकुल गांव का छोरा ' विलंबित एकताल में और बंदिश 'नयन में आनबान ' द्रुतगति में प्रस्तुत की। इस के बाद विदुषी मंजिरी कर्वे आलेगांवकर ने राग मधुवंती में दो बंदिश प्रस्तुत की। ये दोनों राग ओड़व सम्पूर्ण प्रकार के है। जोड़ राग के तहत पंडित कांदलगावकरजी ने राग 'श्री' यह भक्तिभावपूर्ण राग प्रस्तुत किया। जयपुर आत्रोली घराने की गायकी प्रस्तुत करते हुए 'मोरा आसरा या जगमे ' यह बंदिश एकताल में और ऐ री हो तो आसन गैरी ' यह बंदिश तीनताल में प्रस्तुत की। विदुषी मंजिरी कर्वे आलेगांवकर ने 'जैत' राग में जयपुर घराने की गायकी प्रस्तुत करते हुए बंदिश 'पपीहा न बोले ' तीनताल में और पारंपारिक तराना तीनताल में गाया। फिर दोनों रागों का मिश्रण राग 'जैताश्री कल्याण ' को दोनों कलाकारोंने मिलकर तीनताल में 'बहुत दिन बीते ' यह बंदिश गाकर पेश किया। सभा के आखरी पड़ाव पर मुच्छरना यह संगीत प्रकार प्रस्तुत किया। विदुषी आलेगांवकर ने राग ललत में दो बंदिशों को पेश किया। पंडित कांदलगावकरजी ने राग मिया की तोड़ी में दो बंदिशों को प्रस्तुत किया। दोनों कलाकारोंको तबले पर श्री. मिलिंद पोटे, हार्मोनियम पर श्री. प्रमोद मराठे और तानपुरेपर श्री. रवि फड़के, सायली आचार्य और कीर्ति कुमठेकर ने साथ दिया। श्री. मंगेश वाघमारेजी ने निवेदक के रूप में श्रोताओंको शास्त्रीय संगीत की सुक्ष्म बातोंसे अवगत कराया।
इस संगीत सभा के प्रमुख आयोजक थे श्री. किशोर खड़कीकर (कार्यक्रम अधिकारी ), और ध्वनिमुद्रण की जिम्मेदारी श्रीमती रांजेकर और श्री. नीलेश घाटोले ने निभाई। इस आयोजन को आकाशवाणी पुणे के श्रोताओं ने भारी संख्या में उपस्थित रहकर सफल बनाया।

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