???????? ?????? ?? ???????? ????? ???? ????

नजीबाबाद में आकाशवाणी नजीबाबाद से जल्द ही गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी भाषाओं के प्रसारण बंद हो जाएंगे। आकाशवाणी देहरादून के प्रसारण शुरू होते ही नजीबाबाद केंद्र का प्रसारण क्षेत्र पूर्णत: मैदानी क्षेत्रों से जुड़ जाएगा।

जनपद बिजनौर सहित उत्तराखंड के आठ जनपदों को प्रसारण क्षेत्र में लेकर 27 जनवरी 1978 को आकाशवाणी नजीबाबाद से प्रसारण शुरू हुए थे। पौड़ी, अल्मोड़ा में आकाशवाणी केंद्र और चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी में रिले केंद्र स्थापना के बाद नजीबाबाद केंद्र से मुख्य रूप से देहरादून और हरिद्वार जनपद प्रसारण क्षेत्र में रह गए थे। देहरादून में आकाशवाणी केंद्र की स्थापना के साथ ट्रॉयल कार्यक्रम का प्रसारण शुरू हो चुका है। जल्द ही पूर्ण रूप से देहरादून केंद्र अपने प्रसारण शुरू करेगा। आकाशवाणी देहरादून से प्रसारण शुरू होते ही नजीबाबाद केंद्र से देहरादून और हरिद्वार प्रसारण क्षेत्र अलग हो जाएगा। 

आकाशवाणी महानिदेशालय ने आकाशवाणी नजीबाबाद केंद्र से जनपद बिजनौर के अतिरिक्त मैदानी क्षेत्र के जिन जनपदों को शामिल किया है उनमें मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत, शामली शामिल हैं। आकाशवाणी नजीबाबाद से निकट भविष्य में गढ़वाली, जौनसारी और कुमाऊंनी कार्यक्रम क्षेत्रीय लोक संगीत के कार्यक्रम तक ही सीमित हो जाएंगे। 

अल्मोड़ा केंद्र से प्रतिदिन शाम 5.45 बजे रिले किए जाने वाला उत्तरायण कार्यक्रम भी बंद हो जाएगा। गढ़वाली, कुमाऊंनी कार्यक्रमों से जुड़े केंद्र के अस्थाई कंपीयर और गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी भाषा और संस्कृति से जुड़े लोगों ने महानिदेशालय से कम से कम आधा घंटे के गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी भाषा के कार्यक्रम नजीबाबाद केंद्र से जारी रखने की मांग की है।

Source & Credit:http://ift.tt/2jR0o6U

Forwarded By:Jainender Nigam,PB Newsdesk & Social Media,prasarbharati.newsdesk@gmail.com

Subscribe to receive free email updates:

Related Posts :