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                                                                   '' नारंगी गैंग ''
                                    ( आकाशवाणी वार्षिक पुरस्कार 2016 में संयुक्त द्वितीय पुरस्कार )
आकाशवाणी वार्षिक पुरस्कार 2016 में आकाशवाणी, रायपुर के 2 कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत हुए हैं। पहला कार्यक्रम रूपक ''नारंगी गैग'' है, जिसके लेखक और प्रस्तुतकर्ता समीर शुक्ल हैं। इस कार्यक्रम की रूपरेखा, निर्माण और प्रस्तुतिकरण में केन्द्र की उपनिदेशक (कार्यक्रम) श्रीमती मोक्षदा चन्द्राकर का सक्रिय मार्गदर्शन रहा । बाजारवाद के युग में विकास के सुनहरे प्रकाश के साथ दबे-छिपे या मुखरित रूप में नाकारात्मकता की दस्तक हमारे परिवार और समाज के लिये एक बड़ी चुनौती प्रस्तुत करती है। ये प्रवृत्तियां नशा, घरेलू हिंसा के साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं। इसके पारिवारिक और सामाजिक परिणाम भयानक और दूरगामी होते हैं। रायपुर के चंगोराभाठा इलाके की महिलाओं ने पुरूषों द्वारा समाज में फैलने वाली इन समस्याओं का एक अनूठा उपचार निकाला। उन्होंने एक समूह बनाया जिसका नाम दिया ''नारंगी गैंग''। नारंगी गैंग की महिलाएं समूह में देर शाम से रात तक इलाके में डंडे और सीटियों के साथ गश्त लगाती हैं और नशे, जुएं में लिप्त किशोरों और पुरूषों को समझाती हैं, न मानने पर पुलिस की मदद से उनकी नकारात्मक प्रवृत्तियों का उपचार करती है। पुलिस और प्रशासन का इनको पूरा सहयोग है। अब इनको देखकर अन्य स्थानों में भी ऐसे लगभग 300 सौ समूह बन चुके हैं। ये महिला सशक्तिकरण का एक अनूठा उदाहरण है। इस कार्यक्रम को आकाशवाणी वार्षिक पुरस्कार 2016 में संयुक्त द्वितीय पुरस्कार दिया गया है।

उपर्युक्त कार्यक्रम के प्रस्तुति का विवरण -

(1)    लेखक और प्रस्तुतकर्ता का नाम    -    श्री समीर शुक्ल, कार्यक्रम अधिशासी

(2)    वाचक स्वर                -    श्री के. परेश, उद्घोषक

(3)    प्रस्तुति टीम का नाम            -    श्री दीपक हटवार, उद्घोषक
                            श्रीमती सुमिता राॅय बर्मन, कार्यक्रम अधिशासी
                            श्री राजेश फाये, कार्यक्रम अधिशासी (सम.)
'' दामिनी ''
( आकाशवाणी वार्षिक पुरस्कार 2016 के अंतर्गत मैरिट सर्टिफिकेट विजेता )

 आकाशवाणी रायपुर की दूसरी प्रस्तुति रूपक ''दामिनी'' युववाणी श्रेणी में आकाशवाणी वार्षिक पुरस्कार 2016 के अंतर्गत मैरिट सर्टिफिकेट विजेता बनी है। ''दामिनी'' रूपक विषय चयन और संरचना तथा आलेखविहीन प्रस्तुति की रूप सज्जा को आकर्षक और प्रस्तुतिकरण को अभिनव स्वरूप प्रदान करने में केन्द्र की उपनिदेशक (कार्यक्रम) श्रीमती मोक्षदा चन्द्राकर का अतुलनीय योगदान और मार्गदर्शन रहा । ये कार्यक्रम एक 17 वर्षीय एक ऐसी बालिका की कहानी है, जो प्रथम वर्ष स्नातक की छात्रा है, जिसने आठवीं में 79 प्रतिशत, दसवीं में 80 प्रतिशत और बारहवीं में 73 प्रतिशत अंक प्राप्त किये। ये चित्रकारी और पेंटिंग में एक घंटे में 38 चित्र बनाकर गोल्डन बुक आॅफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज हो चुकी है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हाथों सम्मानित इस बालिका के दोनों हाथ कंधे के पास से बचपन से नहीं है। दामिनी ने पैरों को अपने हाथ के रूप में उपयोग कर यह उपलब्धियां हासिल की हैं। ये कार्यक्रम आलेखविहीन था, जिसमें दामिनी ने अपनी संघर्षगाथा स्वयं सुनाई है, जिसे ध्वनि प्रभाव के माध्यम से आकर्षक और प्रेरणास्पद बनाया गया है। इस अभिनव प्रस्तुति में दामिनी के साथ उसके परिजनों की भावनाएं भी पिरोई गई हैं। एक दृढ़निश्चयी संघर्षशील दिव्यांग बालिका की सच्ची कहानी है दामिनी।

उपर्युक्त कार्यक्रम के प्रस्तुति का विवरण -

(1)    परिकल्पना और प्रस्तुति        -    श्री समीर शुक्ल, कार्यक्रम अधिशासी

(2)    वाचक स्वर                -    दामिनी सेन (वास्तविक स्वर)

(3)    प्रस्तुति टीम का नाम            -    श्री दीपक हटवार, उद्घोषक
                            श्रीमती सुमिता राॅय बर्मन, कार्यक्रम अधिशासी
                            श्री श्याम वर्मा, उद्घोषक

Contributed By:Sameer Shukla,Programmre Executive,raipur@air.org.in

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