Indian Chamber of Commerce (ICC), under the aegis of Ministry of IT & Electronics, Government of India two-day “Conference and Exhibition” on “Computer Hardware & Design-led Manufacturing” or ESDM products manufacturing in India
Delhi , January 2018:
Indian Chamber of Commerce (ICC), under the aegis of Ministry of IT & Electronics, Government of India and with support from premier industry body IESA organised a two-day “Conference and Exhibition” on “Computer Hardware & Design-led Manufacturing” or ESDM products manufacturing in India.
The event entitled: “Digicomp 2018” is the latest sequel of ICC’s initiatives in the field of ESDM sector. The main objective of this novel initiative of ICCs is to highlight the “Computer Hardware & Design-led ESDM Product” manufacturing industry of India. The inaugural session of the event was held today (16th January, 2018) at India Habitat Centre, New Delhi.
Speaking on the occasion, the “Chief Guest” of the Inaugural Session Mr. Sanjay Kr. Rakesh, Joint Secretary, Ministry of Electronics and Information Technology, Government of India mentioned that in last few years, there has been a sea change in government’ s policies, as far as the IT Sector is concerned. A new policy document is also likely to come in place within next one or one & half months. In addition to IT & ITeS sector, the Ministry of IT & Electronics, Government of India is also emphasising on indigenous manufacturing of ESDM products. Government of India is now encouraging each individual State, to come up with more conducive industrial policies to attract private investment in the ESDM sector. States like Andhra Pradesh & Karnataka have really flourished in this respect, although response from Eastern and North-Eastern States have been found relatively laggard in this respect.
Mr. Devender Singh, Principal Secretary, Department of Electronics & Information Technology, Government of Haryana highlighted the opportunities for investment in ESDM sector of Haryana. Mr. Singh mentioned that apart from being a BPO Hub of India, Haryana is now strongly focusing on manufacturing of ESDM products in the State. Particularly in sub-sectors like ‘Automotive Electronics, ‘IT /OA’ and ‘Telecom’; the state is really striving ahead. Mr. Singh also mentioned about a few factors like State’s strategic location, connectivity through ‘industrial corridors’ and existence of a well-designed ‘GST Regime’, that can add great value to the profitability factor of any private investor in the ESDM sector.
Ms. Richa Shrivastava, Vice President (Marketing & Strategy), Fintech, Government of Andhra Pradesh gave a crisp presentation on “Transforming the future for Fintech: How to create a new value proposition for the State?” Ms. Shrivastava dealt quite elaborately on the overview of Indian Fintech Ecosystem. She also spoke on topics like: Financial Electronics, Fintech Funding in India, 5 M Strategy for Fintech Ecosystem etc. She informed about incentives like ‘Preferential Market Access” to Government Projects to Fintech Start-Ups.
Ms. Deepthi Ravula, Joint Director – IT, Electronics & Communication Department, Government of Telengana gave an elaborate presentation on “Electronics in Telengana”. Ms. Ravula mentioned that, as the Second Largest Exporting State in IT Export, the State Telengana has made tremendous progress in the ESDM sector. She mentioned in detail about deciding factors for investment like: Telengana Fibre Grid, largest industrial Land Bank, T-Hub for Start Ups etc.
Among other experts who gave deliberations during the “Inaugural Session” included: Mr. Ashwini K. Aggarwal, Chairman-IESA, Director-Government Affairs, Applied Materials India Pvt Ltd & Mr. J.V. Ramamurthi, ICC etc.
A small exhibition is also organized on the sidelines of the ‘Conference’. Five States & many important private players took part in this exhibition. Some fruitful B2B Meetings were also held during the programme.
The programme was attended by good number of delegates & visitors.
इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) ने भारत सरकार के आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के तत्वावधान में, कंप्यूटर हार्डवेयर और डिजाइन-प्रेरित विनिर्माण अथवा ईएसडीएम उत्पादों के भारत में निर्माण पर दो-दिवसीय सम्मेलन व प्रदर्शनी आयोजित की
दिल्ली, जनवरी, 2018ः
इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) ने प्रमुख उद्योग संगठन आईईएसए के सहयोग से और भारत सरकार के आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के तत्वावधान में, कंप्यूटर हार्डवेयर और डिजाइन-प्रेरित विनिर्माण अथवा ईएसडीएम उत्पादों के भारत में निर्माण पर दो-दिवसीय सम्मेलन व प्रदर्शनी का आयोजन किया।
डिजिकॉम्प 2018 नामक यह ईवेंट ईएसडीएम सेक्टर में आईसीसी की पहल का नवीनतम रूप है। आईसीसी की इस आदर्श पहल का मुख्य उद्देश्य है कंप्यूटर हार्डवेयर और डिजाइन-प्रेरित ईएसडीएम उत्पाद उद्योग को सामने लाना। उद्घाटन सत्र का आयोजन इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में हुआ।
इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्य अतिथि श्री संजय कुमार राकेश, संयुक्त सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार ने उल्लेख किया कि पिछले कुछ वर्षों में, सरकार की नीतियों में जहां तक आईटी सेक्टर का संबंध है, व्यापक बदलाव आया है। अगले एक या डेढ़ महीने में एक नया नीति दस्तावेज भी आ सकता है। आईटी और आईटीईएस सेक्टर के अतिरिक्त, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय, भारत सरकार भी ईएसडीएम उत्पादों के स्वदेशी निर्माण पर जोर दे रहा है। ईएसडीएम क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए भारत सरकार अब प्रत्येक राज्य को प्रोत्साहित कर रही है, ताकि वे अधिक अनुकूल औद्योगिक नीतियों अपना सकें। इस संबंध में आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्य वास्तव में विकसित हुए हैं, हालांकि इस संबंध में पूर्वी और उत्तर-पूर्व राज्यों से अपेक्षाकृत कम प्रतिक्रिया मिली है।
हरियाणा सरकार के इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी श्री देवेंद्र सिंह ने हरियाणा के ईएसडीएम सेक्टर में निवेश के अवसरों पर प्रकाश डाला। श्री सिंह ने उल्लेख किया कि भारत का बीपीओ हब होने के अलावा, हरियाणा अब राज्य में ईएसडीएम उत्पादों के विनिर्माण पर जोर दे रहा है। विशेषकर मोटर वाहन इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, ओए और दूरसंचार जैसे कुछ उप-क्षेत्रों में राज्य आगे बढ़ रहा है। श्री सिंह ने राज्य की रणनीतिक लोकेशन, औद्योगिक गलियारों के माध्यम से कनेक्टिविटी और अच्छी तरह से डिजाइन किए गए जीएसटी नियमों के अस्तित्व जैसे कुछ कारकों का भी उल्लेख किया, जो कि ईएसडीएम क्षेत्र में किसी भी निजी निवेशक के लाभ में वृद्धि कर सकते हैं।
आंध्र प्रदेश सरकार की वाइस प्रेसीडेंट (मार्केटिंग एवं स्ट्राटेजी), श्रीमती ऋचा श्रीवास्तव ने फिनटैक के लिए भविष्य का रूपांतरण- राज्य के लिए एक नया मूल्य प्रस्ताव कैसे बनाया? विषय पर एक रोचक प्रस्तुति दी। श्रीमती श्रीवास्तव ने भारतीय फिनटैक इकोसिस्टम पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने वित्तीय विषयों जैसे- फाइनेंशियल इलेक्ट्रॉनिक्स, फाइनटैक फंडिंग इन इंडिया, 5 एम स्ट्रेटेजी फॉर फिनटैक इकोसिस्टम आदि पर भी चर्चा की। उन्होंने फिनटैक स्टार्ट-अप के लिए सरकारी परियोजनाओं को प्रेफरेंशियल मार्केट एक्सेस जैसे प्रोत्साहनों के बारे में जानकारी दी।
तेलंगाना सरकार की जॉइंट डायरेक्टर, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार विभाग, सुश्री दीप्ति रवुला ने तेलंगाना में इलेक्ट्रॉनिक्स पर विस्तृत प्रजेंटेशन दिया। सुश्री दीप्ति ने उल्लेख किया कि, आईटी निर्यात में दूसरा सबसे बडे़ निर्यातक राज्य, तेलंगाना ने ईएसडीएम क्षेत्र में काफी प्रगति की है। उन्होंने निवेश के लिए कारकों को तय करने के बारे में विस्तार से बताया, जैसे- तेलंगाना फाइबर ग्रिड, सबसे बड़ा औद्योगिक भूमि बैंक, स्टार्ट अप आदि के लिए टी-हब।
उद्घाटन सत्र के दौरान विचार-विमर्श करने वाले अन्य विशेषज्ञों में शामिल हैं- श्री अश्विनी के अग्रवाल, अध्यक्ष-आईईएसए, निदेशक, सरकारी मामले, एप्लाइड मैटेरियल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और श्री जेवी राममूर्ति, आईसीसी आदि। सम्मेलन के मौके पर एक लघु प्रदर्शनी भी आयोजित की गयी। प्रदर्शनी में पांच राज्यों और कई महत्वपूर्ण निजी कंपनियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान कुछ उपयोगी बी2बी बैठकें भी आयोजित की गयीं।
कार्यक्रम में अच्छी संख्या में प्रतिनिधियों और आगंतुकों ने भाग लिया।