कैलाश गौतम हिंदी भोजपुरी अवधि कविता का एक जाने पहचाने नाम तो हैं ही आकाशवाणी इलाहाबाद के ग्रामीण कार्यक्रम की शान भी हुआ करते थे।वे अब भी आकाशवाणी के कालजयी पुरोधा हैंं। उन्होंने अपनी कविताओं में आम जन की दैनिक दुश्वारियों के साथ- साथ उनकी उत्सव धर्मिता को भी शब्द प्रदान किए। तभी तो अमौसा के मेला में मेला जाते गरीब किसान के परिवार का उत्साह और तैयारियां कितनी स्पष्टता के साथ आंखों के सामने आ जाती हैं। एक हंसमुख और अपने ठहाकों से निरंतर माहौल को खुशनुमा बना देने वाले कैलाश जी एक बेहतरीन दिल और स्वभाव के भी स्वामी थे। 9 दिसंबर उनकी पुण्तिथि है। इस अवसर पर 28नवम्बर को उनको आकाशवाणी इलाहाबाद ने याद करते हुए एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया जिसमें अनेक कवियों ने उन्हें शब्दांजलि दी ।
सौजन्य-बृजेन्द्र नारायण,कार्यक्रम अधिकारी,इलाहाबाद।
रिपोर्ट-प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी, लखनऊ
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