आकाशवाणी गोरखपुर से प्रसारित होने वाली देश की पहली भोजपुरी समाचार बुलेटिन की आज दसवीं सालगिरह है । 6नवम्बर2008 से इसका प्रसारण प्रारंभ हुआ था। भोजपुरी में इस समाचार बुलेटिन को शुरू कराने में पूर्वी उ.प्र.के जन प्रतिनिधियों ,भोजपुरी के प्रशंसक,कवि-लेखकोंं आदि के बराबर सहयोग से ही तत्कालीन आकाशवाणी गोरखपुर की प्रशासनिक,तकनीकी ,समाचार अनुभाग और कार्यक्रम विभाग की टीम सफल कार्यरुप दे सकी थी। मुझे याद है कि संविधान की अनुसूची में अभी तक दर्ज न हो सकने वाली इस भाषा-बोली के समाचार बुलेटिन को शुरू कराने के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़े थे ,तमाम कागज़ी कार्यवाहियां तो करनी ही पड़ी थीं। मेरी इस बात को कतई अतिशयोक्ति न माना जाय ।यह दौर था श्री प्रेम नारायण जब स.के.नि.और फिर के.नि.के रुप में आकाशवाणी गोरखपुर में पदस्थ थे।वे भोजपुरी बुलेटिन शुरू कराने के पक्ष में थे ।एक युवा छात्रनेता श्री दीपक मिश्र ने जब उन्हीं दिनों बहुत लम्बा आंदोलन भी चलाया तो उन की मांग पर तात्कालिक तौर पर हफ्ते में एक दिन "देस हमार" कार्यक्रम के अंतर्गत हम लोगों ने भोजपुरी समाचार समीक्षा का कार्यक्रम "बीतल हफ़्ता" के नाम से शुरू किया।उन दिनों मैं भी उस केन्द्र पर कार्यक्रम अधिकारी के रुप में नियुक्त था और कार्यक्रम "देस हमार" देख रहा था ।यह विशुद्ध कार्यक्रम अनुभाग की सोच थी और इसे बहुत जल्दी लोकप्रियता मिली ।भोजपुरी समाचार बुलेटिन नियमित चलाना चूंकि महानिदेशालय के समाचार एकांश के अधिकार क्षेत्र की बात थी और उसके लिए महानिदेशालय स्तर पर निर्णय होना था इसलिए तदनुकूल सारी रिपोर्ट महानिदेशक को भेजी जाती रही । उन दिनों गोरखपुर के सांसद महंथ योगी आदित्य नाथ जी ने भी इस बारे में सूचना प्रसारण मंत्रालय को लिखा ।अन्तत: DG (न्यूज) श्री पी० के० बंधोपाध्याय ने इन बुलेटिन्स की शुरुआत की अनुमति दे दी थी। श्री आर० सी० शुक्ल तब स्थानीय समाचार एकांंश के समाचार सम्पादक थे और श्री सलमान हैदर स्थानीय संवाददाता थे। पहली भोजपुरी बुलेटिन को श्री विकास चंद्र राय ने पढ़ा था।
उस पहली बुलेटिन के प्रसारण में तकनीकी सहयोगी श्री अरुण कुमार सिंह और श्री एस० के० टॉमसन थे।आगे चलकर वेद प्रकाश पाठक और सुषमा श्रीवास्तव भी समाचार वाचन करने लगे ।
इस ऐतिहासिक प्रसारण को शुरु कराने मेेंं अन्य लोगों के साथ साथ उन एक विशेष अधिकारी की याद आना स्वाभाविक है जिनकी भूमिका "भोजपुरी बुलेटिन"को शुरू करवाने में एक विघ्न-हर्ता, नेतृत्वकर्ता और प्रशासनिक सहयोगकर्ता की रही है ।वे हैं आकाशवाणी गोरखपुर के तत्कालीन केन्द्राध्यक्ष स्व० विजय बहादुर राय ।उन्होंने अतिरिक्त रुचि और परिश्रम करके इसे इसी केन्द्र से प्रसारित करते रहने की सुचारु व्यवस्था की थी वरना महानिदेशालय इसे आकाशवाणी वाराणसी से प्रसारित कराने जा रहा
था ।
भले ही अवधी अनेक मायनों में भोजपुरी के मुकाबले समृद्ध मानी जाती हो लेकिन भोजपुरी प्रेमी ख़ुशनसीब हैं इस मायने में कि उनकी अपनी माटी की बोली में यह ख़ास समाचार बुलेटिन दस साल की हो चली है !भविष्य में इस बुलेटिन की अवधि के बढ़ने और इसके राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित होने की कामना यहां के भोजपुरी प्रेमी और श्रोता कर रहे हैं।
प्रसार भारती परिवार आकाशवाणी गोरखपुर और वहां के कार्यक्रम तथा प्रादेशिक समाचार एकांश को इस ऐतिहासिक अवसर पर बधाई दे रहा है और आगे के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कर रहा है ।
द्वारा योगदान :- प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी,लखनऊ।मोबाइल नं.9839229128ईमेल;darshgrandpa@gmail.com