Support for Padmavati is rising on social media: R. Rathore - सोशल मीडिया पर बढ़ रहा रहा है पद्मावती के लिए समर्थन: आर. राठौर

The controversial debate around the period drama Padmavati is hitting a new low e
very single day. From blocking the entry into the Kumbhalgarh Fort in Rajsamand district to threatening to cut off Deepika’s nose, the filmmakers and cast are continuously confronting protests and objectionable behavior from certain Rajput organisations.
In order to mum the protesters, makers took a decision to screen the movie for the media and also get it reviewed on national channels, to which Chairman of CBFC expressed his disappointment.
Sharing his views on the controversy and the objection raised by CBFC, Social media expert R. Rathore said, “What's wrong with having a private screening of the film for some members of Rajput groups. It’s completely alright to show the movie to whoever they want because the basic intention is to remove all problems coming in the release of this film. CBFC should see this act in the light of the prevailing scenario. People from the industry as well as outside are taking to social media to support what's right. It feels good to know that they understand the difference between right and wrong.
Among the media persons, Arnab Goswami was the one who took to national television to speak out his opinion after watching the movie. In a video (which is trending on all the social media platforms as of now), he bluntly said that Karni Sena will be left looking utterly foolish once this film hits the box office. “Padmavati is greatest ever tribute to Rajput pride. In the specific context of the raging controversy, every scene of this film is a fluid cinematic tribute to Rani Padmavati’s greatness.”
Speaking further, he said, “Far from the intimate moments, Alauddin and Padmavati don’t even share one single frame in the entire film. So, those people ravaging theatres and threatening nose cuts and acid attacks will be laughed at across India. Their vandalism will look politically sponsored.”
“I really think that BJP should truly reconsider the prospect of embarrassing themselves by joining the Karni sena’s side. Not one scene in the movie needs a censor scissor because Sanjay Leela Bhansali has single-handedly woven the story of Rajput pride better than anyone possibly,” he further added.
Goswami also assured that after watching the movie, millions of people will realize that every moment in the movie is devoted to the valour of Rajput tradition.
 While on one hand, an assuring statement from Arnab would have calm few protesters, Rakhi Sawant posted another video (though in support of the filmmaker), which possibly offended the protesters.
"I am very excited for Padmavati. Not just in India, even outside the country, everyone should come out to support and watch this film. Bhansali has made a beautiful film and some fringe groups are unnecessarily creating a fuss. It looks like a publicity stunt to me to come in limelight. They are targetting Sanjay Leela Bhansali, Deepika and Ranveer, which is unfair”
Though her point was justified, the language used towards the end of her statement was quite offensive. She went on to say, ‘Kisi ka baap bhi Padmavati ko release hone se nhi rok sakta’ (no one can obstruct the release of Padmavati).
Well, we can only wait and see how the opposition reacts.      
पीरियड ड्रामा पद्मावती के आसपास विवादास्पद बहस हर दिन नीचता की एक नई कहानी लिख रहा है। दीपिका की नाक को काटने की धमकी देने से लेकर राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ किले में प्रवेश को अवरुद्ध करने तक, फिल्म निर्माता और कलाकार लगातार कुछ राजपूत संगठनों के विरोध प्रदर्शन और आपत्तिजनक व्यवहार का सामना कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों को चुप कराने के लिए, निर्माताओं ने मीडिया के लिए फिल्म को स्क्रीन करने का निर्णय लिया और राष्ट्रीय चैनलों पर भी इसकी समीक्षा की, जिसके लिए सीबीएफसी के अध्यक्ष ने अपनी निराशा व्यक्त की।
सीबीएफसी द्वारा उठाए गए विवाद और आपत्ति पर अपने विचार साझा रखते हुए, सोशल मीडिया एक्सपर्ट आर. राठौर ने कहा, "राजपूत समूह के कुछ सदस्यों के लिए फिल्म की निजी स्क्रीनिंग करने में क्या गलत है। फिल्म दिखाने का फैसला पूरी तरह से ठीक है, क्योंकि उनका मूल इरादा इस फिल्म की रिलीज़ में आने वाली सभी समस्याओं को दूर करना है। सीबीएफसी को ये काम मौजूदा परिदृश्य के प्रकाश में देखना चाहिए। इंडस्ट्री और बहार के लोग सोशल मीडिया पे जो सही है उसे सपोर्ट कर रहे है। यह देख के अच्छा लगता की वो सही और गलत में फर्क कर पा रहे है।"
मीडिया के लोगों में से एक अर्नब गोस्वामी जिन्होंने फ़िल्म देखने के बाद अपनी राय जाहिर करने के लिए चैनल का सहारा लिया। एक वीडियो में (जो अब तक के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चल रहा है), उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि एक बार जब यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर आ जाएगी, तो करनी सेना पूरी तरह मूर्खता का पुतला साबित होगी। "पद्मवती राजपूत गौरव के लिए अब तक कि सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। उग्र विवाद के विशिष्ट संदर्भ में, इस फिल्म का हर दृश्य रानी पद्मावती की महानता के लिए एक कमाल की सिनेमाई श्रद्धांजलि है।"
उन्होंने आगे कहा, "अंतरंग सीन तो दूर की बात है, पूरी फिल्म में अलाउद्दीन और पद्मावती एक सिंगल फ्रेम भी साझा नही करते हैं। इसलिए, थियेटरों को उकसा वाले, नाक काटने की धमकी देने वाले, एसिड अटैक की धमकी देने वालों पर जनता हँसेगी। उनकी ये हरकत राजनीतिक रूप से प्रायोजित साबित हो जाएंगी"।
उन्होंने आगे कहा "मैं सचमुच सोचता हूं कि भाजपा को करनी सेना के पक्ष में शामिल होने की शर्मिंदगी पर पुनर्विचार करना चाहिए। फिल्म में एक भी दृश्य को सेंसर कैंची की जरूरत नहीं है क्योंकि संजय लीला भंसाली ने अकेले राजपूत गौरव की कहानी को सबसे बेहतर ढंग से बुना है"।
गोस्वामी ने यह भी आश्वासन दिया कि फिल्म देखने के बाद, लाखों लोगों को पता चल जाएगा कि फिल्म का हर पल राजपूत बहादुरी परंपरा के लिए समर्पित है।
एक तरफ, अरनब के एक आश्वासन वक्तव्य से प्रदर्शनकारी कुछ शांत हुए होंगे तो वहीं दूसरी तरफ राखी सावंत ने एक और वीडियो पोस्ट किया (फिल्म निर्माता के समर्थन में), जो शायद प्रदर्शनकारियों को बुरी लगी होगी ।
"मैं पद्मावती के लिए बहुत उत्साहित हूं। न केवल भारत में, देश के बाहर भी, हर किसी को इस फिल्म का समर्थन करने और देखने के लिए बाहर आना चाहिए। भंसाली ने एक खूबसूरत फिल्म बनाई है और कुछ असामाजिक समूह अनावश्यक रूप से एक उपद्रव पैदा कर रहे हैं। वे संजय लीला भंसाली, दीपिका और रणवीर को निशाना बना रहे हैं, जो गलत है"
हालांकि उनकी बात सही थी, लेकिन बयान के अंत में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा काफी आक्रामक थी। उन्होंने कहा, किसी का बाप भी पद्मावती को रिलीज होने से नही रोक सकता
खैर, हम तो सिर्फ इंतज़ार कर सकते हैं, और देख सकते हैं कि विरोधी इस पर क्या प्रतिक्रिया देंगे।

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