जब भी हम बैंड का नाम सुनते हैं हमारे जेहन में सिर्फ पुरुषों की तस्वीर उभरकर आती है पर लखनऊ का ये फीमेल मिशन रॉक बैंड" मेरी ज़िन्दगी " जो महिलाओं द्वारा बनाया भारत का पहला मिशन फीमेल रॉक बैंड है। ये बैंड सिर्फ गीतों के माध्यम से ही 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के लिए जागरूकता नहीं फैला रहा है बल्कि अपनी सामाजिक जिम्मेदारी भी निभा रहा है। इसकी संस्थापक हैं डा.जया तिवारी जो आकाशवाणी लखनऊ के पूर्व सहायक निदेशक डा.आशाराम त्रिपाठी की सुपुत्री हैं।
"बैंड के नाम पर अकसर स्टेज पर लड़कों को ही परफ़ॉर्मेंस करते देखा था, लड़कियां अगर दिखाई भी देती थी तो वो एक तरफ कोने में खड़ी रहती थी। तब मुझे लगा क्यों न एक ऐसे बैंड की शुरुआत की जाए जिसमे सिर्फ लड़कियां हो, इसी सोच के साथ इस बैंड की शुरुआत हुई।" डॉ. जया तिवारी का कहना है, "महिलाओं के बैंड तो कई हो सकते हैं लेकिन हमारा बैंड एक मिशन को लेकर आगे बढ़ रहा हैं, हम मनोरंजन के लिए प्रस्तुति नहीं देते हैं हमारी प्रस्तुति महिलाओं और लड़कियों को ये बताने की कोशिश करती है कि आपके अन्दर एक शक्ति है जिसे पहचानो और आगे बढ़ो। चाँद पर पहुंचना कोई राकेट साइंस नहीं है, इसके लिए बस हमे प्रयास करने की जरूरत है।"इस फीमेल रॉक बैंड का नाम 'मेरी जिन्दगी' है। जिसकी शुरुआत साल 2010 में की गयी, इसमे पांच से छह फीमेल साथी हैं। ये बैंड सरकार की कई योजनायें जैसे 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, महिला सम्मान प्रकोष्ठ, 1090, जल संरक्षक विभाग, सिफ्सा, वोट अपील, जननी परिवार कल्याण विभाग, निडिल 2017 आदि योजनाओं के प्रचार प्रसार के साथ-साथ कई गैर सरकारी संस्थाओं के लिए भी अपनी प्रस्तुति दे चुका है। इस बैंड ने अबतक 100 से ज्यादा प्रस्तुति उत्तरप्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में लाखों लोगों के बीच में पहुंचकर दी हैं।इसका मुख्य आकर्षण ओखल और चिमटा हैं जिसे साज के रूप में इस्तेमाल किया गया है। इस बैंड की एक सी.डी.'परवाज' लांच हो चुकी है।
डॉ. जया तिवारी को बचपन से ही म्यूजिक से लगाव था ।जब इन्होने म्यूजिक सीखने के लिए अपनी इच्छा जाहिर की तो इनके पिता ने इन्हें पूरा सपोर्ट किया। जिसकी वजह से आज ये भारत का पहला फीमेल मिशन रॉक बैंड बनाने में सफल हो पायीं हैं। जया वर्तमान में लखनऊ के बी.बी.डी. सामुदायिक रेडियो एवम सोशियो कल्चरल की प्रमुख है। मेरी जिन्दगी फीमेल रॉक बैंड मनोरंजन के लिए शुरू नहीं किया गया है। ये बैंड एक मिशन को लेकर आगे बढ़ रहे इस बैंड ने साल 2016 में एक आनलाइन महिला रेडियो स्टेशन भी शुरू किया जिसका उद्देश्य है देश-विदेश में रहने वाली महिलाओं को एक ऐसा मंच मिले जहाँ पर वो खुलकर अपनी बात साझा कर सकें। ये आनलाइन रेडियो महिलाओं द्वारा ही संचालित किया जा रहा है। इसे कोई भी आनलाइन 'रेडियो मेरी जिन्दगी डाट काम 2016' पर जाकर अपनी बात साझा कर सकता है। रेडियो की आर.जे. निहारिका दुबे बहुत ही जोशीले अंदाज में बताती हैं, "एक बेटी होकर हजारों बेटियों को बचाने का सन्देश दे पा रहे हैं ये हमारे लिए गर्व की बात है । मेघना सीटी बजाती हैं, लाडो इस बैंड की सबसे छोटी सदस्य हैं । जया के अलावा इस बैंड में उत्सवी बनर्जी, पूर्वी मालवीया, सौभाग्या दीक्षित, मेघना, निहारिका और लाडो भी हैं।
प्रसार भारती परिवार डा.जया तिवारी की इस पहल की प्रशंसा करते हुए उनके सुखद भविष्य की कामना करता है।