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आकाशवाणी और दूरदर्शन के पूर्व निदेशक और हिन्दी साहित्य के सुपरिचित लेखक और कवि डा.उदयभान मिश्र ने पिछले वर्ष सड़क मार्ग से लखनऊ से चलकर दिल्ली होते हुए कन्याकुमारी और रामेश्वरम तक की यात्रा की थी । लेखक को प्रकृति ने आकंठ मोहित कर दिया और उसने इस यात्रा के दौरान अपनी दौड़ती भागती बस से जो भी देखा उसका आंखों देखा हाल अपनी सद्यः प्रकाशित पुस्तक में चित्रित कर दिया है।। इस पुस्तक का नाम है - " तीन सागर तेरह नदियां " !उधर दूसरी ओर डा.उदयभान मिश्र का नया कविता संग्रह "आग की नीली नदी" भी प्रकाशित हो चुका है। चर्चित लेखक और कवि श्री दयानन्द पांडेय के शब्दों में " मिश्र जी की कविताएं एक गहरी आश्वस्ति जगाती हैं । आश्वस्ति कविता के प्रति , जीवन के प्रति ।ये कविताएं एक तरह से खुद उन की कथा भी हैं । वह कथा की कथा में लिखते ही हैं , वे लिख रहे थे / तुम्हारी कथा / मैं लिख रहा था अपनी कथा । पिता , गांव , यात्राएं और यातना बांचती उदयभान की कविताएं उन की तड़प का एक सांघातिक तनाव बुनती हैं , जीवन का उतार चढ़ाव और उस के तापमान का दिनमान लिखती हैं ।" ब्लॉग लेखक को डा.मिश्र ने बताया कि " सृष्टि के समस्त जीवों में यह आग की नदी बहती रहती है । सृष्टि की समस्त कलाएं , रचनाएं इसी नदी से निकलती हैं । मेरे इस संग्रह में इस नदी के दर्शन कहीं न कहीं अवश्य होंगे । " 15फरवरी 1937 को गोरखपुर के उप नगर बड़हलगंज के एक गांव बसावनपुर में जन्मे डा० मिश्र ने 1975 में भारत सरकार की प्रकाशन विभाग की पत्रिका "आजकल"के सम्पादकीय को छोड़ कर 2अप्रैल 1975 को आकाशवाणी दिल्ली में बतौर कार्यक्रम अधिकारी नौकरी संभाली । उसके बाद पदोन्नति पाते हुए गोरखपुर, दिल्ली, उदयपुर, लखनऊ आदि के आकाशवाणी और दूरदर्शन केंद्रों पर निदेशक के रूप में अपनी सेवाएँ दीं ।28फरवरी 1995 को आकाशवाणी गोरखपुर से वे 31 साल की सेवा के बाद केन्द्र निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए । स्वभाव से सैनिक और लेखनी से श्रमजीवी के रूप में अपनी शुरूआती पहचान बनाने वाले डा० मिश्र आज भी समाज को अपनी ऊर्जावान साहित्यिक सेवाएं दे रहे हैं ।गोरखपुर में स्थाई रूप से रहते हुए उन्होंने अब तक कविता, कहानियाँ, ऊपन्यास, यात्रा वृतांत, आलोचना सम्बन्धित लगभग दो दर्जन पुस्तकें लिखीं है और अभी भी उनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशनाधीन हैं ।चमत्कृत कर देने वाली उनकी भाषा शैली और उनका ओजपूर्ण संवाद किसी को भी उनकी ओर सहज ही सम्मोहित कर लेती है । आकाशवाणी और दूरदर्शन में रहते हुए अनेक ख्याति लब्ध कार्यक्रम देनेवाले इन जैसे महानुभावों से नई पीढ़ी दिशा निर्देश ले सकती है ।ब्लॉग रिपोर्टर को उनसे अपनी सेवाकाल और बाद की अवधि में उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला है ।नि: सन्देह ऐसी कालजयी विभूतियों पर प्रसार भारती परिवार को गर्व है ।  
डा० उदयभान मिश्र के निवास का पता है -"सिद्ध वास", जी-27,राप्ती नगर चतुर्थ चरण ,पोस्ट-चरगांवां, जिला-गोरखपुर-273001 और मोबाइल नं० है 09450677974/9616081218

Forwarded by :-prafulla kumar Tripathi ,darshgrandpa@gmail.com

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