???? ??? ???? ??? ?????, ??????????? ?? ??? ?????? ????? ?? ???? ??? ?????? - ?????? ????? ?? ??????


लखनऊ. यूपी का 18 साल का आशुतोष कबाड़ से क्रिएटिविटी कर रहा है। मार्केट में मिलने वाले 400 रुपए के रेडियो को इन्होंने एग्जाम पेपर रखने के काम में आने वाले बोर्ड से तैयार कर लिया है, जिसकी कॉस्टिंग महज 150 रुपए है। यह डिवाइस इन्होंने तब बनाया था जब ये 11वीं क्लास में थे। पिछले दो साल से लगातार इसकी परफॉर्मेंस इम्प्रूव करने में लगे हैं। और कई अवॉर्ड जीत चुके हैं।

खास बात यह है कि जिस गांव में आशुतोष रहता है, वहां आज तक बिजली कनेक्शन नहीं है। लोगों ने अपनी हैसियत के मुताबिक प्राइवेट सोलर पैनल लगा रखे हैं, जिनसे रात में बल्ब और गर्मी में पंखा चल जाता है। DainikBhaskar.com इस यंग देसी साइंटिस्ट के बारे में अपने रीडर्स को बता रहा है, जो गांव की कमियों को साइंटिफिक जुगाड़ से हल करने की कोशिश कर रहा है।

ऐसे आया था रेडियो बनाने का आइडिया
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
- यूपी के बलरामपुर जिले के बरगदही गांव के रहने वाले आशुतोष पाठक बीएससी फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट हैं। इनके पिता रमेश चंद्र पाठक डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में क्लर्क है और मां हाउसवाइफ हैं। तीन भाई और तीन बहनों में आशुतोष दूसरे नंबर पर है।

- आशुतोष बताते हैं, "हमारा गांव काफी पिछड़ा हुआ है। वहां न रोड है और न बिजली। मनोरंजन के लिए लोगों के पास एकमात्र रेडियो एक सहारा होता है। एक अच्छा रेडियो खरीदने में 400 से 500 रुपए का खर्च आता है। उस रेडियो सुनने के लिए हफ्ते या दस दिन में सेल बदलने की जरूरत पड़ती है, जिस वजह से 50-60 रुपए का अलग खर्च पड़ता है। मैंने सोचा कि क्यों न ऐसा डिवाइस बनाया जाए, जो सस्ता भी हो और रेडियो की कमी पूरी कर दे।

- मैने पक्का करके बाजार के कबाड़ से काम की चीजें इकट्ठा की। मैं स्कूल लौटकर सीधे इलेक्ट्रॉनिक शॉप से ऑडियो प्लेट, रेडियो प्लेट, एक पुराना स्पीकर, एग्जाम बोर्ड, कंडेन्सर, एक 4 बोल्ट की बैटरी और चार्जर खरीद लाया। पूरा खर्च 150 रु. का आया।

क्या है आशुतोष के रेडियो की USP
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°

- आशुतोष द्वारा बनाए रेडियो की खास बात है कि ये चार्जेबल है। एक बार तैयार होने के बाद 25 घंटे लगातार बजाया जा सकता है। मौसम का भी इस पर कोई असर नहीं पड़ता।

- आशुतोष रूपडीहा के सीमावर्ती डिग्री कॉलेज के स्टूडेंट हैं। उन्होंने बताया, "मैं हायर स्टडीज कंप्लीट करके साइंटिस्ट बनना चाहता हूं, जिससे अपने गांव की बिजली और सड़क की प्रॉब्लम को दूर कर सकूं। मैं कम बजट में रोड कैसे बनाई जा सकती है, इस प्रॉजेक्ट पर काम भी कर रहा हूं। इस रोड को कचरे से बनाया जा सकता है।

ये है रेडियो बनाने के लिए जरूरी सामान
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°

एग्जाम पैड या दफ्ती - 5 रु. 
बैटरी - 15 रु. 
ऑन-ऑफ बटन - 5 रु.
स्पीकर - 15रु.
रेडियो प्लेट - 40 रु.
ऑडियो प्लेट - 15रु.
सिग्नल एरियर - 10रु.
चैनल (स्टेशन) कैच करने के लिए - 30रु.
वायर - 10 रु.

बनाने का प्रॉसेस
°°°°°°°°°°°°°°°

1. दफ्ती पर स्पीकर, FM सर्किट वाला रेडियो प्लेट, आडियो प्लेट और बैटरी (चार्जिंग पिन सहित) को नट-बोल्ट से फिक्स करें।
2. बैटरी के साइड में ऑन-ऑफ स्विच फिक्स करें। सिगनल एरियर को पैड के टॉप कॉर्नर पर फिक्स किया जाएगा।
3. बैटरी के (DE सपलाई 3.5v) पॉजिटिव प्वाइंट का कनेक्शन ऑन-ऑफ स्विच से जोड़ें।
4. बैटरी का नेगेटिव प्वाइंट ऑडियो प्लेट से कनेक्ट करें।
5. अब स्पीकर के दोनों तारों को ऑडियो प्लेट में लगे कंडेन्सर के पॉजिटिव प्वाइंट से कनेक्ट करें।
6. साथ ही ऑडियो प्लेट से तीन वायर जोड़कर उसे एकसाथ FM रेडियो प्लेट के पॉजिटिव प्वॉइंट पर जोड़ें।
7. ऑन-ऑफ स्विच के नीचे वाले तीन पोलर (बिन्दु) होते हैं, जिसमें से एक पॉजिटिव, दूसरा वेस और तीसरा नेगेटिव होता है। ऑडियो प्लेट के तीनों वायर इसी क्रम में जोड़ दें।
8. एंड में सिगनल एरियर का कनेक्शन लंबे वायर से गेंगी (gengy) के प्वाइंट से कर दें। गेंगी रेडियो स्टेशन्स के सिगनल कंट्रोल करता है और उन्हें मिक्स नहीं होने देता।

<साभार : दैनिक भास्कर, 02 फरवरी 2018>

Subscribe to receive free email updates: