किसी संस्था से जुड़कर कोई व्यक्ति क्या पाता है या वह संस्था उस व्यक्ति को क्या देती है, यह बहुत मायने रखता है | यह बात उस समय और महत्वपूर्ण हो जाती है ,जब बात प्रसार भर्ती या विशेषकर आकाशवाणी की हो | लगभग ९० वर्षों से लोगों की सेवा करते आकाशवाणी के पास अपनी समृद्ध विरासत और परम्परायें हैं , जो इसे अन्य निजी चैनलों से अलग करता है | लोक सेवा प्रसारक से जुड़े हुए मुझे दो वर्ष से ऊपर हो चुके हैं , और इन दो वर्षों के दौरान आकाशवाणी की परम्पराओं और प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों की बारीकियों को प्रसारण निष्पादक के रूप समझने का अवसर प्राप्त हुआ | वरिष्ठ सहकर्मियों से हमेशा ही सहयोगपूर्ण और प्रेरित करने वाले माहौल प्राप्त हुआ है |
आकाशवाणी भोपाल में काम करने का एक सुखद पहलू ये है की यहाँ प्रतिभाओं की कमी नहीं है , ऐसे माहौल में हमेशा ही आपको कुछ ना कुछ सीखने को मिलता रहता है ,जो आपकी सीखने की ललक बनाये रखता हैं | सूचना और ज्ञान के इस माध्यम से जुड़कर हम चेतन या अवचेतन रूप में हमेशा ही कुछ न कुछ प्राप्त करते रहते हैं | फिर बात चाहे भाषा -ज्ञान की हो या ज्ञान के अन्य रूपों की ,आज से तीन वर्ष पूर्व की स्थिति से जब आत्म -अवलोकन करता हूँ तो यह और स्पष्ट हो जाता है | इस रूप में देंखे तो कह सकते हैं कि तीन वर्षो का यह सफर सुखद अनुभवों से भरा रहा है |
हालांकि जब हम भविष्य की ओर नजर डालते हैं तो कुछ वास्तविक चिंताएं भी उभर कर आती हैं , फिर बात चाहे संस्था के रूप , उसके अस्तित्व या फिर मसला समयोचित पदोन्नति का हो , यह बात विशेषकर तब और परेशान करती है जब हम अपने वरिष्ठ सहकर्मियों की पिछले कई वर्षों की इन शिकायतों पर नजर डालते हैं | किसी संस्था के सफल संचालन के लिए यह बहुत जरुरी है की संस्था अपने कर्मियों को समय - समय पर उनके कार्यों का प्रतिफल देती रहे | हालाँकि पिछले कुछ वर्ष में इस स्तिथि में कुछ परिवर्तन होता दिखा है और उम्मीद है की यह परिवर्तन आगे भी जारी रहेगा, और इस आशा और विश्वास को लेकर हम नये आये लोग भी वरिष्ठों से अनुभव अन्य गुणों को सीखकर , सामयिक जरूरतों के मुताबिक इस संस्था को अपना सर्वोत्तम देने का प्रयास करते रहेंगे |