आकाशवाणी गोरखपुर के स्टूडियो में मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर "प्रेमचंद का तख़लीकी सफर" नाम से 31 जुलाई 2019 को भव्य सेमिनार का आयोजन किया गया। प्रेमचंद के तख़लीकी सफर (अर्थात साहित्यिक यात्रा) ने उर्दू ज़ुबान से प्रारम्भ होकर हिंदी साहित्य में अपनी शिनाख्त कायम की। आज मुंशी प्रेमचंद के हिंदी साहित्य को पूरे विश्व मे नई पहचान व नई बुलन्दी हासिल है। गोरखपुर मुंशी प्रेमचंद की कर्मस्थली रही है, ऐसे में मुंशी प्रेमचंद जी के साहित्यिक यात्रा पर आयोजित इस सेमिनार में डॉ0 दरख्शां ताज़वर ने "प्रेमचंद के साहित्य में औरतों के किरदार" विषय पर, श्री गणेश मिश्र ने "प्रेमचंद और गोरखपुर की यादें" विषय पर, डॉ. अशफ़ाक़ अहमद ने "प्रेमचंद के साहित्य में आज़ादी का जज़्बा" विषय पर, जनाब काज़ी कलीमुल हक़ तथा डॉ. उबैदुल्लाह चौधरी ने प्रेमचंद के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपनी अपनी बात रखी।
अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम प्रमुख डॉ0 अनामिका श्रीवास्तव ने कहा कि उपन्यास सम्राट धनपत राय श्रीवास्तव जो कि साहित्य जगत में मुंशी प्रेमचंद के नाम से मशहूर हुए, उनकी शोहरत व मकबूलियत यह है कि उन्हें हिंदी व उर्दू दोनों भाषाओं में पूरा सम्मान दिया गया तथा आज विश्व की बहुतेरी भाषाओं में मुंशी प्रेमचंद की कहानियां और उपन्यास प्रकाशित हो रहे हैं।
इस सेमिनार का संचालन फर्रुख जमाल ने किया, प्रस्तुति श्री विनय कुमार (कार्यक्रम अधिशासी) की रही, तथा सहयोग श्री आलोक कुमार (प्रसारण निष्पादक) व श्री मनोज यादव (प्रसारण निष्पादक) का रहा। कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा।
द्वारा योगदान :श्री. अजीत कुमार राय, तकनीशियन, आकाशवाणी गोरखपुर,ajitrai17@gmail.com.