स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित आंध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले की एक कहानी। कृष्णा ज़िले के छोटे से कस्बे चल्लापल्ली में दो डॉक्टर नित्य प्रति सड़कों की सफाई में लग जाते हैं। उनका सपना है - स्वच्छ, स्वस्थ और सुंदर भारत।चल्लापल्ली जिन विग्नना वेदिका पहल के अंतर्गत पदमावती अस्पताल के डाक्टर डी. आर. के. प्रसाद और उनकी पत्नी डाक्टर पदमावती कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सड़कों और नालियों की सफाई करते हैं, उन्होंने नये शौचालयों का भी निर्माण कराया है और लोगों को खुले में शौच के दुष्प्रभावोंकी की जानकारी देते हैं। वे नित्य प्रति लगातार दो वर्षों से ऐसा करते आ रहे हैं।
हम लोग सड़कों और नालियों को साफ कर रहे हैं। और सभी लोग मिलकर सब वही काम कर रहे हैं जो सफाई कर्मी करते हैं। यहां लोग अब जागरूक है कि जब हम अपने घर को स्वच्छ रखते हैं, शरीर को साफ रखते हैं तो अपनी सड़कों और पार्कों को भी साफ रखेंगे। हमने लोगों में सद्भावना को विकसित किया है।इस पहल के जरिए डाक्टर दम्पति मुख्य सड़कों पर खुले में शौच समाप्त करने, साफ-सफाई को लेकर छात्रों में जागरूकता पैदा करने और सड़कों के किनारे पेड़ लगाने में सफल हुए हैं। ग्रामीणों को प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल नहीं करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
हमने करीब-करीब तीन हजार पेड़ लगाए हैं अपने गांव के आसपास और ये स्वास्थ्य चल्लापल्ली स्वयंसेवकों का सम्मिलित प्रयास है। हमने अपने लोगों को जागरूक किया और उन्होंने गंगूलावाली पलेम सड़क के आसपास खुले में शौच करना बंद कर दिया। इसके बाद हमने अपने गांव में 68 शौचालय बनाए और 130 शौचालय बनाने में मदद दी, इसका प्रभाव यह है आज गांव में खुले में शौच करना बंद हो गया है।डाक्टर दम्पति के प्रयासों को देखते हुए अमला अक्किनेनी नामक संगठन ने उन्हें ग्रीन लीफ पुरस्कार से नवाजा है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने डाक्टर दम्पति के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि ये पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
स्त्रोत :समाचार प्रभात ,आकाशवाणी हिंदी न्यूज़ बुलेटिन (newsonair.com)