केंद्रीय कार्यक्रम निर्माण केंद्र, दूरदर्शन, खेल गांव, नई दिल्ली में सहायक अभियंता एवं प्रयोगधर्मी व्यंग्यकार डॉ. आलोक सक्सेना को विगत 30 दिसंबर , 2018 को यशपाल सभागार, हिन्दी भवन, लखनऊ में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय साहित्यकार पुरस्कार वितरण समारोह में उत्तर प्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री राम नाईक ने राष्ट्रीय 'हरिशंकर परसाई पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार हिन्दी व्यंग्य लेखन का श्रेष्ठ राष्ट्रीय पुरस्कार है। इस पुरस्कार के तहत संस्थान द्वारा सम्मानस्वरूप उन्हें पचहत्तर हजार रुपए का एक चैक, प्रशस्ति पत्र एवं अंगवस्त्र भेंट किया गया। समारोह की अध्यक्षता डॉ. सदानन्द प्रसाद गुप्त माननीय कार्यकारी अध्यक्ष उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने की। इस अवसर पर श्री जितेन्द्र कुमार प्रमुख सचिव भाषा उत्तर प्रदेश शासन, श्री शिशिर निदेशक उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, अनेक साहित्यकार एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थेे | डॉ. सक्सेना को यह राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार उनके छठे व्यंग्य संग्रह 'पप्पू बन गया अफसर' के लिए प्रदान किया गया। इस संग्रह में उनके 51 कटखने और पैने मौलिक व्यंग्य संग्रहित हैं। समसामयिक विषयों पर गहरी चोट करते हुए उनके सभी व्यंग्य देश, राजनीति, सरकारी कार्यालय, अफसर, समाज और परिवार में घटी सामाजिक सत्य घटनाओं के चारों तरफ घूमते नजर आते हैं। इस संग्रह की शुरुआत में 'कटखने शब्द' स्तंभ के अंतर्गत प्रकाशित लेख भी पठनीय और विचारणीय हैं। अनेक राष्ट्रीय सम्मानों से अलंकृत डॉ. सक्सेना की अब तक बारह मौलिक साहित्यिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। चंदौसी में जन्मे मैनपुरी उत्तर प्रदेश के मूल निवासी डॉ. सक्सेना ने आजकल नई दिल्ली में अपना निजी आवास बना लिया है।
PB Parivar congratulates Dr.Alok Saxena.
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द्वारा योगदान :-डॉ. आलोक सक्सेना,सहायक अभियंता,नई दिल्ली, aloksaxena1967@gmail.com