आकाशवाणी गोरखपुर द्वारा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कवि गोष्ठी का आयोजन...











गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आज 25 जनवरी 2019 को आकाशवाणी गोरखपुर की संगीत स्टूडियो में आमंत्रित स्रोताओं के समक्ष "जय गणतंत्र जय हो" कवि गोष्ठी का आयोजन किया। इस कवि गोष्ठी में श्री देवेन्द्र आर्य, डॉ चेतना पाण्डेय, कुमार अभिनीत, सृजन गोरखपुरी एवं श्रीधर मिश्र ने कविता के माध्यम से गणतंत्र से जुड़े अपने भावों को अभिव्यक्त किया...

दिलों की घाटियों में बज रहे सन्तूर जैसा हो,
हो कोई शहर गर, तो मेरे गोरखपुर जैसा हो।। 
(देवेन्द्र आर्य)

सून परल सगरी सिवान, जवान घरे आइल नाही,
रहि गइल बाकी निशान, जवान घरे आइल नाही।।
(कुमार अभिनीत)

मन पर अंकित हैं उन तस्वीरों के नाम,
देश के काम आई, उन तकदीरों के नाम।।
(डॉ चेतना पाण्डेय)

ईश्वर की रचना के आगे मानव की रचना क्या है?
जब चेहरा ही पढ़ डाला तो कागज़ में पढ़ना क्या है।।
(सृजन गोरखपुरी)

कुम्भ महाचैतन्य की तरह संकीर्तन कर रहा था,
शिव की जहां से निकली गंगा मनुष्यों की जहां में।।
(अनन्त मिश्र)

कवि गोष्ठी में कवियों का स्वागत श्री आर. के. शुक्ला, सहायक निदेशक (इंजीनियरिंग) ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम प्रमुख डॉ0 अनामिका श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम की प्रस्तुतकर्ता श्रीमती प्रियंका कुमारी, कार्यक्रम अधिशासी (हिंदी अनुभाग) रही, जबकि संचालन श्रीमती नूतन मिश्रा ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री विनय कुमार (कार्यक्रम अधिशासी-सम.), श्रीमती अनामिका दूबे (कार्यक्रम अधिशासी), श्री मनीष तिवारी (प्रसा. निष्पादक), श्री आलोक कुमार (प्रसा. निष्पादक), श्री मनोज कुमार (प्रसा. निष्पादक), इंजीनियरिंग अनुभाग से श्री राजीव शर्मा, श्री एस. के. टॉमसन, श्री ए. के. गौतम, श्री रवि भूषण मौर्य, श्री अभय यादव, श्री आर. पी. गौतम, श्री अजीत राय सहित प्रशासनिक अनुभाग से प्रमोद रंजन प्रसाद एवं श्री प्रदीप श्रीवास्तव की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

द्वारा योगदान :- श्री. अजीत कुमार राय, आकाशवाणी, गोरखपुर

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