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लखनऊ मेट्रो रेल इन दिनों आकाशवाणी लखनऊ के 18,विधान सभा मार्ग स्थित प्रशासनिक और स्टूडियो भवन की कण्ठहार बनी हुई है।इसके मुख्य द्वार के सामने मेट्रो की भूमिगत लाइनें बिछाने का काम चल रहा है।मेट्रो से आकाशवाणी केन्द्र पहुंचने के लिए पास के दो भूमिगत स्टेशन होंगे-एक तो हुसैनगंज और दूसरा सचिवालय ।प्रधान सलाहकार और मेट्रोमैन के नाम से विख्यात ई0श्रीधरन के नेतृत्व में लखनऊ मेट्रो की इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर इन दिनों तेजी से काम चल रहा है।नार्थ साउथ कारीडोर के हुसैनगंज,सचिवालय और हजरतगंज के तीन प्रस्तावित भूमिगत स्टेशनों पर टनल बोरिंग मशीनें दिन-रात सुरंगें और डायफ्राम वाल बना रही हैं।सुरंग बनाने के साथ साथ रिंग डालने ,ट्रैक बिछाने और ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर का भी काम होगा।मेट्रो कोच की पहली खेप आ चुकी है और दूसरी मार्च के पहले सप्ताह तक आएगी।दिसम्बर में इसके टहले चरण के ट्रायल का काम हो चुका है।प्रबन्ध निदेशक कुमार केशव ने उम्मीद जताई है कि लखनऊ डिपो में मेट्रो कोचों को 26मार्च से पहले कामर्शियल संचालन के लिए तैयार कर लिया जाएगा।लखनऊ शहर के लिए उच्च क्षमता मास ट्रांज़िट प्रणाली यानि लखनऊ मेट्रो के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने ही योजनाएं बनाई हैं और यह काम श्रेई इंटरनेशनल को दिया है। इनकी रिपोर्ट के अनुसार लखनऊ में जमीन पर एक कि॰मी॰ मेट्रो पर १५ करोड़ रु का व्यय आयेगा, वहीं भूमिगत लाइन में यह बढ़कर २७ करोड़ हो जायेगा।उम्मीद के पंखों पर सवार लखनऊ के लोग अपनी हसरत भरी निगाहों से उस दिन की बेसब्री से प्रतीक्षा में हैं जब वे मेट्रो पर सवार होकर हवा से गुफ़्तगू कर सकेंगे।की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। यूं तो लखनऊ मेट्रो कई मायनों में खास है,लेकिन एक और बात जो लखनऊ मेट्रो को और भी ज्यादा खास बनाती है वो यह कि प्रतिभा और प्राची शर्मा वो दो लेडी पायलट हैं जो लखनऊ मेट्रो को दौड़ाएगी।प्रतिभा और प्राची दोनों ही इलाहाबाद से हैं।
लखनऊ मेट्रो में खास सुविधाएं:
ट्रेन कोच के अन्दर दीवारो से सटाकर 186 सीटें लगाई गयी हैं।दिव्यांगों के लिए दरवाजे के पास ही व्हील चेयर को लॉक करने की सुविधा दी गई है।दृष्टिबाधित यात्रियों के लिए ब्रेल लिपि में स्टिकर्स लगाए गए हैं।इसके साथ ही ट्रेन के कोच को साउंडप्रूफ बनाया गया है।कोच में यात्री आराम से खड़े हो सकें इसके लिए ग्रैब सिस्टम यानी हैडिंल लगाये गये हैं।वहीं, यात्रियों को स्टेशन की सूचना देने के लिए एलईडी की जगह पर एलसीडी स्क्रीन लगाई गयी है।मेट्रो अफसरों का कहना है कि एलईडी की अपेक्षा एलसीडी पर सूचना अधिक साफ दिखाई देगी।मोबाईल चार्जिंग के लिए 2 की जगह 6 प्वाइंट दिये गए हैं।मेट्रो कोच के अंदर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की व्यवस्था की गई है।साथ ही ट्रेन ऑपरेटर से लाइव बातचीत के लिए टॉक-बैक की सुविधा दी गयी है।तो जनाब,नवाबों के इस शहर में आइए मेट्रो का इस्तकबाल कीजिए।

ब्लाग रिपोर्ट-प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी,लखनऊ,मोबाइल नं09839229128ईमेल ;darshgrandpa@gail.com

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