महामारी और लॉकडाउन में ‘अंधों की लाठी’ बना रेडियो मधुबन



ऐसे दौर में जब पूरी दुनिया एक डर के साये में जी रही है, लोग घरों में बंद हैं, समझ नहीं आ रहा जिंदगी आगे किस मोड़ पर लेकर जाएगी, वैसे में किसी का थोड़ा साथ और हाथ बहुत साहस और प्रेरणा देता है। रेडियो मधुबन 90.4 FM राजस्थान में काम करने वाला एक ऐसा कम्यूनिटी रेडियो स्टेशन है,जिसने लॉकडाउन के पहले दिन से ही राजस्थानियों की जिंदगी के लॉकडाउन को हटाने का बेड़ा उठा लिया।

शहरों में लोगों के पास लॉकडाउन के दौरान अपना समय बिताने और खुद को प्रेरित रखने के कई साधन हैं, लेकिन गांव के गरीब लोग वे कहां जाएंगे, वे किस तरह से खुद को प्रेरित रखकर भयमुक्त रह सकेंगे, यही सोचकर रेडियो मधुबन निकल पड़ा अपने सफर पर।

अलग- अलग कार्यक्रम द्वारा इस टीम ने लोगों का उत्साह और साहस बढ़ाया। जिस तरह डॉक्टर, सुरक्षा गार्ड, पुलिस और सफाईकर्मी वॉरियर्स की तरह जुटे हैं, ठीक उसी तरह ये लोग भी जनकल्याण के कई तरह के कार्यक्रम करवा के इन गांव वालों का मनोबल बढ़ाते रहे हैं।

मुख्य कार्यक्रम

देश में कहां क्या हो रहा है, सरकारें क्या कदम उठा रही है,किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए, लोगों को जागरुक करने वाली हर इंफॉरमेशन रेडियो पर हर एक घंटे में प्रसारित होती है।

-कहां जाने से क्या राहत मिलेगी, राजस्थान के हर जिले और कस्बे में क्या मदद पहुंच रही है, लोगों को क्या परेशानी हो रही है, ये सब जानकारियां हासिल करके जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने का कार्य किया है।

-हर भाषा के लोगों तक जरूरी जानकारी पहुंचाना, उनके सवालों के जवाब देना, समय प्रति समय गीतों द्वारा उनका मनोरंजन करना। युवाओं को प्रेरित करने वाली बातें और उनके अंदर की प्रतिभा को बाहर निकालने का प्रयास किया है।

-हर तरह की मदद, जैसे डॉक्टर की सलाह, राहत सामग्री पहुंचाना ये सारी चीजें भी टीम ने की है। स्वास्थ्य संबिधित कोई भी बातें मिस ना हो,सलाह और काउंसिलिंग देने का काम किया है। अंधों की लाठी बनने का भी काम किया है। टीम का कहना है कि वो लगातार इस तरह के काम करती रहेगी। 


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