Is Bollywood fuelling piracy?

The film industry is one such area which faces tremendous effects of the piracy/leak. In fact, the fear of movie leaks among the filmmakers has overpowered the threat concerning the film’s failure.
From the highly awaited Hollywood’s Quantico 3, starring Priyanka Chopra to the controversial flick Udta Punjab and Parched, innumerable high budget movies had to go through the most turbulent quotient of pre-release piracy. But what’s the truth behind these leaks?
Speaking of the same social media expert Raju Singh Rathore says, “It’s really unfortunate as a single movie is the result of efforts of hundreds of people. But at the same time, in the light of the prevailing scenarios and the desperate need of marketing a film better than anybody else, we cannot deny that PR agencies often take to deliberate leakage of few scenes of the movie. Owing to certain factors, these tactics fail to work properly thereby turning everything upside down. An effort which was made to garner publicity, end up with negative criticism and poor box office collection.”
Bollywood’s latest release Julie 2, an adult-drama, got trapped in a similar situation when few intimate scenes from the movie were leaked on social media. Despite the buzz created around the country, the movie failed to attract the audience towards the theater. Well, we cannot directly comment if it was a deliberate leak or not, but obviously, the mishap didn’t really go in the favour of the filmmakers.
But how to sense what’s real? Adding to his comment, Singh said, “Today’s audience is smart enough to sense what’s intentional/deliberate and what’s not.”
“Moreover, the laws against film leaks are strong enough. So, in case it’s an accidental leak or a hack, the concerned authority reacts immediately to get hold of the culprit so as to punish him under the law. A great example of it is the movie Kabaali, which was leaked on Torrent before its official release but was immediately taken down within few hours. The man behind the leak was also arrested in no time.”
At the end, such things are unavoidable. All that can be done is to stay cautious. It’s high time that filmmakers take a step ahead to create better and stronger firewalls for themselves.
राजू सिंह राठौर ने बतायी फिल्म लीक के पीछे की हकीकत
फिल्म उद्योग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें लीक / पायरेसी के भारी प्रभाव पड़ते हैं। असल में, अब फिल्म निर्माताओं में फ़िल्म की विफलता से ज्यादा डर फ़िल्म के लीक होने का है।
प्रियंका चोपड़ा की बेहद प्रतीक्षित क्वांटिको 3 से लेकर उड़ता पंजाब और पार्च्ड तक,  असंख्य बड़ी बजट की फिल्में रिलीज से पहले ही पायरसी का शिकार हो जाती हैं।
लेकिन इन लीक्स के पीछे की सच्चाई क्या है?
इसी बारे में बात करते हुए सोशल मीडिया एक्सपर्ट राजू सिंह राठौर बताते हैं, “ ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होता है, क्योंकि एक फ़िल्म सिर्फ एक फ़िल्म नही बल्कि सैंकड़ों लोगों की महीनों की मेनहत होती है। लेकिन आज के दौर में मार्केटिंग और तुरंत मशहूर हो जाने की होड़ में पीआर एजेंसी के बार जानबूझकर फ़िल्म के कुछ सीन को लीक कर देते हैं । लेकिन कभी-कभी ये तरकीब फेल हो जाती है और सब कुछ उल्टा पढ़ जाता है। एक कोशिश जो फ़िल्म की पब्लिसिटी के लिए की जाती है वो अक्सर नेगेटिव क्रिटिसिज्म का शिकार हो जाती है और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर इसका असर पड़ता है।”
बॉलीवुड की लेटेस्ट फ़िल्म जूली 2 भी इसी तरह के हालात में फँस गई जब इस फ़िल्म के कुछ इंटिमेट सीन सोशल मीडिया पर लीक हो गए। देशभर में हवा बनने के बावजूद ये फ़िल्म दर्शकों को थिएटर तक खींच लाने में असफल रही। खैर हम ये तो नही कह सकते कि लीक जानबूझकर किया गया था या नही लेकिन ये तो तय है कि इसका असर कुछ खास नही हुआ ।
लेकिन कैसे पता करें कि सच्चाई क्या है?
राजू सिंह बताते हैं , “आज के दर्शक खुद इतने स्मार्ट हैं कि उन्हें सब पता होता है कि क्या जानबूझकर किया गया है और क्या गलती से हुआ।”
“इसके अलावा फिल्म लीक के खिलाफ कानून बहुत सख़्त है। ऐसे में अगर लीक किसी के वजह से हुआ है या किसी के हैक करने के कारण हुआ है तो, संबंधित अधिकारी तुरंत एक्शन लेकर दोषी पर कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं । इसका मजबूत उदाहरण है, फ़िल्म कबाली, जो फ़िल्म के रिलीज़ से पहले टोरेंट पर मौजूद थी लेकिन कुछ घंटों के भीतर ही इसे हटा दिया गया।इस लीक के पीछे जो व्यक्ति था, उसे गिरफ़्तार भी कर लिया गया।”
अंत में, ऐसी घटनाओं को टाला नही जा सकता है, सिर्फ सावधान रहा जा सकता है। समय आ गया है जब फ़िल्म निर्माता अपनी फिल्मों की सुरक्षा के लिए एक बेहतर फायरवॉल का निर्माण करें ।

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