आकाशवाणी गोरखपुर एवं नॅशनल एजुकेशन सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 01.03.2020 को रंगारंग बसंतोत्सव एवं होली पर कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ ''जब फागुन रंग झमकते हो तब देख बहारें होली की'' कविगोष्ठी
गोरखपुर 01 मार्च । ऋतुराज बसंतोत्सव और होली का यह पर्व युवाओं को यह सन्देश देने के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि भारत में बसंत और फागुन माह उत्सव धर्मिता के प्रतीक हैं। मदनोत्सव की परंपरा हमारे देश में सदियों पुरानी है। आज की युवा पीढ़ी विदेशी प्रतिमानों से बहुत प्रभावित है। लेकिन अपनी संस्कृति के रंगों से रूबरू कराना हमारी जिम्मेदारी है और यह जिम्मेदारी आकाशवाणी गोरखपुर बखूबी निभा रहा है।
इस अवसर पर बोलते हुए आकाशवाणी गोरखपुर की कार्यक्रम प्रमुख डा0 अनामिका श्रीवास्तव ने कहा -कि युवाओं के बीच संस्कृति और परंपरा को ले जाने का यह आकाशवाणी का प्रयास उम्मीद है पसन्द आएगा। इस अवसर पर नॅशनल एजुकेशन सोसाइटी के प्रमुख श्री प्रेम नारायण श्रीवास्तव को आकशवाणी द्वारा सम्मानित किया गया।
कवि सम्मेलन में आकाशवाणी का यह प्रयास रहा कि हिन्दी उर्दू और भेाजपुरी सभी भाषाओं को रंगो का उल्लास और बसंत एवं होली का आप तक पहुॅंचे। डा0 कार्य समन्वय (श्री ब्रजेन्द्र नारायण), सहयोग श्री विनय कुमार दीपांकर/मनीष/आलोक/मनोज एवं तकनीकी टीम का सहयोग रहा।
प्रतिभागी कवि-
1. श्री रविन्द्र लाल श्रीवास्तव (जुगानी भाई)
2. श्री चंदेश्वर प्रसाद शर्मा (परवाना)
3. डा0 कमलेश राय
4. श्री आचार्य मुकेश
5. सुनीता पाठक
6. श्री राजेश राज
7. श्री आर0उी0 श्रीवास्तव
8. श्रीमती रंजना वर्मा
9. श्री भालचंद त्रिपाठी
10. श्री मैंकश आजमी
11. निशा राय