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50 साल पहले आज के ही दिन मथुरा-वृंदावन आकाशवाणी केंद्र की स्थापना हुई थी। ब्रज की आवाज बनकर गूंजने वाले कार्यक्रम अब इस केंद्र की धरोहर बन गए हैं। देश के प्रमुख आकाशवाणी केंद्रों में शुमार मथुरा रविवार को अपना स्वर्ण जयंती समारोह मनाने जा रहा है।

29 जनवरी, 1967 में तत्कालीन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री बाबू राज बहादुर ने वृंदावन रोड पर आकाशवाणी केंद्र की स्थापना की थी। इसका प्रसारण भरतपुर, अलवर, डीग, अलीगढ़, हाथरस, पलवल, एटा, फीरोजाबाद, आगरा में हुआ करता था। रेडियो के गुजरे जमाने के साथ मथुरा-वृंदावन आकाशवाणी केंद्र का दायरा भी इन 50 वर्षों में सिमट गया है। इस केंद्र से लंबे समय तक जुडे़ रहे सत्यदेव आजाद और राधाबिहारी गोस्वामी बताते हैं कि ब्रज के लोक साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए इस केंद्र ने अहम भूमिका निभाई है। लोकगीतों की 300 रिकार्डिंग केंद्र पर मौजूद हैं। अनेक प्रसिद्ध कवि और कृष्ण लीलाओं से जुड़ी रिकार्डिंग भी मौजूद हैं। टीवी सीरियल रामायण के राम अरुण गोविल भी इस केंद्र के कलाकार रहे हैं।
रविवार को मथुरा आकाशवाणी केंद्र अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा है। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में केंद्र से जुड़े कलाकारों का सम्मान होगा। वो अपने संस्मरण भी सुनाएंगे। 

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Forwarded by :- Shri. Jainendra Nigam PB News Desk prasarbharati.newsdesk@gmail.com

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