दूरदर्शन को नए लोगो के डिजाइन को लेकर चली लंबी प्रक्रिया के बाद 10,000 प्रविष्टियां मिली थीं। इनमें से पांच लोगो का चयन किया गया। सभी के एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
जल्द ही सरकारी समाचार चैनल दूरदर्शन नए लोगो के साथ नजर आएगा। इसके लिए पांच लोगो डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है। इनमें से ही किसी एक लोगो को इस्तेमाल किया जाएगा। चुनाव नतीजे के बाद नए लोगो को जारी कर दिया जाएगा। दूरदर्शन के लिए लोगो तैयार करने की स्पर्धा साल 2017 में शुरू हुई थी और इसके नतीजे सोमवार रात को घोषित किए गए।
प्रसार भारती की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हम उन सभी प्रतिभाशाली प्रतिभागियों का सम्मान करते हैं जिन्होंने दूरदर्शन की इस लोगो प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। प्रसार भारत उन सभी का शुक्रिया अदा करती है। इन सभी की भागीदारी से ये प्रतियोगिता इतनी सफल रही। 23 जुलाई 2017 से शुरू हुई स्पर्धा 20 अगस्त 2017 तक चली।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, दूरदर्शन को नए लोगो के डिजाइन को लेकर चली लंबी प्रक्रिया के बाद 10,000 प्रविष्टियां मिली थीं। इनमें से पांच लोगो का चयन किया गया है। सभी पांच लोगो का डिजाइन तैयार करने वालों को एक लाख रुपये का ईनाम दिया जाएगा।
प्रसार भारती के अनुसार, 'उन सभी लोगों को बधाई जिन्होंने नई उम्मीदों और पुरानी यादों के साथ दूरदर्शन के लिए नया लोगो तैयार करने का प्रयास किया। इस स्पर्धा को मिली प्रतिक्रिया से ज्यूरी हैरान थी। हर लोगो के डिजाइन में लोगों की क्रिएटिविटी झलक रही थी। 10000 लोगों के बीच से किसी एक के डिजाइन को चुनना वाकई मुश्किल काम था, लिहाजा प्रसार भारती ने एक की जगह पांच लोगों का चयन किया है।'
वहीं दूसरी तरफ लोग इन लोगो से सहमत नहीं हैं। लोग चाहते हैं प्रसार भारती पुराने लोगो को ही मॉडीफाई करे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के पूर्व छात्र देवाशीष भट्टाचार्य दूरदर्शन का लोगो डिजाइन किया था। वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के उन लोगो में शामिल थे जिन्होंने सरकार के साथ मिलकर इसका लोगो फाइनल किया था। उनके डिजाइन में दो घुमाव थे। यह 'यिन एंड यांग' से प्रेरित था। यह उन 14 कहानियों में से एक पर खत्म होता था, जो उन्होंने अपने गुरु विकास सतवालेकर को सौंपी थीं।
विजेताओं के नाम ईनाम राशि (रुपये)
1. सनीश सुकेशन 1,00,000
2. तेजेश सुधीर 1,00,000
3. आनंद चिराइल 1,00,000
4. निखिल लांगे 1,00,000
स्रोत :- http://bit.ly/2QkUmbq
श्रेय :- श्री. श्री. झावेंद्र कुमार ध्रुवजी के फेसबुक अकाउंट से