विशुद्ध मनोरंजन, शिक्षा और सूचना का आज के इस दौर में भी कोई सस्ता और सुलभ साधन है तो वह रेडियो है।
जन आवाज़ के इस बुलन्द इमारत में न जाने कितने गुणी ज्ञानियों, कलाकारों, साधकों, विचारकों और तकनीकी विशेषज्ञों का ज्ञान और मेहनत रूपी ईंट लगा है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल ही नही नामुमकिन है।
जनजागृति और जनचेतना को बनाने में इसकी भूमिका कभी कमतर नहीं रहा। अवसर चाहे आपदा, बाढ़, दुर्घटना, हमला, चुनाव या जो भी हो इसने अपनी भूमिका बखूबी निभाया है।
अपने रोचक, विविध और सतरंगी कार्यक्रमों से इसने अपने करोड़ों स्रोताओं को चौबीसों घण्टे मधुर गीत संगीत और नवीन जानकारियों को पहुँचाकर जनसेवा का कीर्तिमान स्थापित किया है।
अगर भारतीय परिप्रेक्ष में देखा जाय, तो रेडियो मतलब आकाशवाणी। यह कहते हुए अतिश्योक्ति नहीं होगा और हमें गर्व है की हम इस प्राचीन प्रतिष्ठित संस्थान का एक हिस्सा है।
13 फरवरी को #विश्वरेडियोदिवस पर आप सभी सुधी स्रोताओं एवं रेडियोकर्मियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
जय रेडियो। जय आकाशवाणी। जय स्रोता।
आकाशवाणी वाराणसी।