Inspiration - A Chef without Hand.........?Mericel Apatan?.


(मेरिकल एपटन), एक ऐसी लड़की जिसने कठिन से भी कठिन समस्या का दृढ़ता से सामना किया, हार नहीं मानी और समाज के सामने एक मिसाल के तौर पर उभरी।

मेरिकल एपटन के दोनों हाथ नहीं है इसके बावजूद वो फिलीपींस के मनिला में एक नामचीन बड़े से होटल "Edsa Shangri " में पेस्ट्री शेफ ( रसोइया ) है। 

" ये बात है 25 सितम्बर 2000 की है जब मेरिकल एपटन 11 साल की थी , वो अपने अंकल के साथ बाहर पानी भरने के लिए गई थी की अचानक कुछ 4 – 5 लोग अपने साथ तेज धारदार हथियार लेकर उनका रास्ता रोकने लगे। मेरिकल काफी ज्यादा घबरा गई थी क्योकि ये 4-5 लोग कोई ओर नहीं बल्कि उनके पडोसी ही थे जो उनको जान से मार देना चाहते थे।उन बदमाश लोगो ने मेरिकल एपटन को पकड़ लिया और गर्दन और पीठ पर तेज चाकू से हमला कर दिया जिससे मेरिकल अपना होश खो बैठी और बेहोश हो गई।

मेरिकल एपटन तो बच गई किन्तु उनके दोनों हाथ ना रहे। हॉस्पिटल का बिल चुकाने के लिए पैसे तक नहीं थे तो किसी दूर के अच्छे रिश्तेदार की मदद से बिल चुकाया और अपराधियों को सजा दिलवाई।

इतनी कठिन और विकट परिस्थति के बाद मेरिकल ने अपने आप को संभाला और एक नई शुरुआत करने का सोचा। मेरिकल ने सोचा की इतना कुछ हो जाने के बाद भी आज मैं जिन्दा यानी भगवान ने मुझे कुछ नेक काम के लिए इस धरती पर भेजा है। इसी आशावादी नजरिये के साथ मेरिकल ने अपनी एक नई शुरुआत की।

2008 में मेरिकल हाई स्कूल से ग्रेजुएट हुई। बचपन से ही खाना बनाना का बहुत शौक था इसीलिए मेरिकल ने 2009 में Hotel & Restaurant Management के 2 साल के कोर्स में प्रवेश लिया और 2011 में ग्रेजुएट हुई इसके अलावा Arts and Crafts में भी मेरिकल को गोल्ड मैडल मिला।

अपने जूनून और जज्बे की बदौलत उसने शेफ का काम शुरू हुआ। जल्द ही मेरिकल लाइम लाइट में आ गई और कई सारे न्यूज़ चैनल ने मेरिकल को कवर किया। यह सब देख कर मनिला के एक बड़े होटल नाम "Edsa Shangari – La Hotel in Manila " के मैनेजर ने मेरिकल को शेफ की जॉब ऑफर की जिसे मेरिकल मना न कर पाई और अभी तक उसी होटल में काम करती है।
उसी होटल में काम करने वाले सहकर्मी कहते है की मेरिकल हाथो के ना होने के बावजूद भी काफी अच्छा केक बना लेती है और उसे अच्छे से डेकोरेट (सजाना) करती है। वह हमें तभी बुलाती है जब कोई गरम पात्र, गैस स्टोव से हटाना होता है या कोई चिकना ढक्कन बोतल से खोलना होता  है।
जीवन तो मेरिकल का तब ही ख़तम हो जाता जब उसके हाथ नहीं बचे थे , कई लोगो ने तो ये तक कह दिया था की अब ये क्या करेगी इससे अच्छा होता की मर ही जाती , लेकिन इसके उलट मेरिकल एपटन ने अपने आप को बेचारा साबित नहीं किया और इस समाज को एक संदेशा दिया की Disable होने के बावजूद आप एक Normal Life जी सकते हो। और अंत में,
                                 मत कर यकीन अपने हाथो की लकीरो पर,
                                 नसीब उनके भी होते है जिनके हाथ नहीं होते।


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