Karan Oberoi’s open letter urges the honchos to pay royalties to the musicians - दिग्गज़ों के नाम संगीतकारों को रॉयल्टी देने के लिए करण ओबेरॉय ने लिखा ओपन लेटर

Amidst the long going controversial discussion over the music royalty scam, Karan Oberoi, who has been the core member of ‘A Band of the Boys, came on the front to give voice to his anger regarding the issue. The actor cum singer strongly feels that it is a much-needed revolution to power the future of music industry.
In his open letter to all the music companies, Karan points out towards the egotism prevailing within the roots of the Indians. “We as Indians are basically corrupt by nature! It's possibly a part of our genetic coding and we have begun to believe that it’s perfectly ok to be self-serving, whatever be the cost to someone! And when that someone is a creator who is going to starve and be deprived of his legitimate earnings, while some “industry” or “music label” is going to laugh all the way to the bank, you know we have hit a moral degradation, that’s difficult to surpass !”
The debate initiated after Javed Akhtar became the member of Indian Performing Rights Society in 2010 and went on to file a complaint against the non-distribution of royalties by IPRS. Top honchos of the industry are suspected of being involved in the scam. The issue gain momentum after Enforcement Directorate summoned Aditya Chopra, the chairman of Yashraj Films, Shridhar Subramaniam, vice-president of Sony Music India and Devraj Sanyal, MD-CEO of Universal Music, recently.
Expressing concern towards innumerable musicians and singers who die in abject poverty as they are not paid their share, Karan further writes, “Forget about getting royalties, most of the time the vulnerability and naïveté of an artist are taken completely for granted. This happens owing to the lack of awareness of what he deserves! We feed that misinformation!
There are so many geniuses that have died in abject poverty after creating cult classics. Such songs till date are adding shiny new fancy car models to the ever-expanding “car collection” of some head honchos! I have myself never got a penny as an artist from any society or publishing house, after doing three biggest hits of indie pop!”
“It’s such a sorry picture! The soul of a society perishes in the death of an artist! Not giving him his due, is akin to death!” he further adds.
Towards the end, Karan urges the music companies “to make money by all means but just give the deserver his legitimate hard earned money for God’s sake.” 
म्यूजिक रॉयल्टी स्कैम पर लंबे समय से चले आ रहे विवादास्पद बहस में “ए बैंड ऑफ द बॉयज’ के कोर मेंबर करण ओबेरॉय ने अब खुलकर अपने गुस्से का इज़हार किया है । अभिनेता और गायक करण ने कहा कि म्यूजिक इंडस्ट्री के भविष्य को बचाने और उसे आगे बढ़ाने के लिए ये इस वक़्त आवाज़ उठाना बहुत जरूरी है।
सभी म्यूजिक कंपनियों को एक खुला ख़त लिखते हुए उन्होंने भारतीयों के जड़ों में बसे अहंकार के बारे में बात की। “एक भारतीय होने के नाते भ्रष्टाचार हमारे अंदर है! यह संभवतः हमारे आनुवंशिक कोडिंग का हिस्सा है और हमने खुद को खुश करने के लिए कुछ भी करना शुरू कर दिया है चाहे उसका असर दूसरों पर कुछ भी हो! और जब वो दूसरा व्यक्ति कोई ऐसा निर्माता है जिसे उसी के पैसों से महरूम कर दिया गया हो जबकि “इंडस्ट्री” या “म्यूजिक लेबल” वाले लोग उनपर हंसते हुए खूब नोट छापते है, तब पता चलता है कि हम ऐसे नैतिक गिरावट की ओर हैं जिसे पीछे छोड़ना नामुमकिन है। ये सब तब शुरू हुआ जब जावेद अख्तर 2010 में इंडियन परफॉर्मिंग राइट्स सोसायटी के सदस्य बने और उन्होंने आईपीआरएस द्वारा रॉयल्टी के गैर-वितरण के खिलाफ शिकायत दर्ज किया। उद्योग के शीर्ष लोगों के इस घोटाले में शामिल होने के आसार हैं। इस मुद्दे को गति तब मिली जब प्रवर्तन निदेशालय ने यसराज फिल्म्स के चेयरमैन आदित्य चोपड़ा, सोनी म्यूजिक इंडिया के वाईस-चेयरमैन श्रीधर सुब्रमण्यम, यूनिवर्सल म्यूज़िक के एमडी-सीईओ देवराज संन्याल को तलब किया।
अनगिनत संगीतकार और गायक जो उनके हिस्से का भुगतान न करने के वजह से अस्वाभाविक गरीबी में मर जाते हैं, के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए, करण आगे लिखते हैं, "रॉयल्टी प्राप्त करने के बारे में तो भूल जाओ, ज्यादातर समय कलाकारों की कमी को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया जाता है और ऐसा होता है, जागरूकता की कमी के कारण! हम उस गलत सूचना को फ़ीड करते हैं!
क्लासिक्स गानों को बनाने के बाद कितने ही ऐसी प्रतिभाएँ हैं जो गरीबी में मर चुके हैं। आज तक इस तरह के गाने कुछ अहंकारी लोगों के घर मे "कार संग्रह" में चमकदार नए फैंसी कार के मॉडल जोड़ रहे हैं! इंडी पॉप की तीन सबसे बड़ी हिट करने के बाद भी मेरे पास किसी भी समाज या प्रकाशन सेे एक कलाकार के रूप में पैसा नहीं मिला है!"
वो आगे बताते हैं, "यह एक ऐसी दुखदायी तस्वीर है! एक समाज की आत्मा एक कलाकार की मौत के साथ खत्म हो जाती है! उसे उसके काम के लिए पैसे ना देना मृत्यु के समान है!"
आखिर में, करण संगीत कंपनियों से आग्रह करते हैं कि "हर तरह से पैसा बनाइये, लेकिन भगवान के लिए उसकी वैध मेहनत के पैसे दे।"

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