विगत 13 मई ,2019 को आकाशवाणी भोपाल द्वारा, एक दिवसीय पूर्णकालिक हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया ।कार्यशाला का शुभारंभ आकाशवाणी भोपाल के उपनिदेशक (अभियांत्रिकी ) व केंद्राध्यक्ष तथा आकाशवाणी भोपाल राजभाषा समिति के अध्यक्ष श्री धर्मेंद्र श्रीवास्तव ने किया । इस अवसर पर आकाशवाणी भोपाल के कार्यक्रम प्रमुख श्री विश्वास केलकर तथा विज्ञापन प्रसारण सेवा की, कार्यालय प्रमुख श्रीमती कविता सिंह भी मौजूद थीं । यह हिंदी कार्यशाला में तीन सत्रों में आयोजित की गई । प्रथम सत्र के अंतर्गत 'महिला सुरक्षा और सम्मान", दूसरे सत्र में " कार्यालय में हिंदी में कार्य करना कितना आसान" विषय पर व्याख्यान तथा तीसरे और अंतिम सत्र के अंतर्गत "चर्चा सत्र" रक्खा गया, जिसमें कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों और कार्मिकों की जिज्ञासाओं,प्रश्नों और शंकाओं के समाधान प्रदान किए गए ।
इस कार्यशाला में, आकाशवाणी भोपाल ,विज्ञापन प्रसारण सेवा तथा अतिरिक्त महानिदेशक कार्यालय, मध्य क्षेत्र- 2 में, कार्यरत लगभग 30 अधिकारियों /कार्मिकों में हिस्सा लिया और हिंदी में प्रशिक्षण प्राप्त किया ।इस आयोजन के अवसर पर, आकाशवाणी भोपाल के,केंद्राध्यक्ष श्री धर्मेंद्र श्रीवास्तव ने इस विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि,महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान बनाए रखने की ज़िम्मेदारी, आप हम सब की है ।आपने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से, "महिलाओं का,कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न ,(निवारण , प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 ,के बारे में विस्तार से जानकारी दी ,जिसमें अध्याय 1 से अध्याय 8 के अंतर्गत,महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण और लैंगिक उत्पीड़न के परिवारों के निवारण तथा प्रतितोषण और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का अनुबंध करने के लिए,यह अधिनियम लागू किया गया है । श्री श्रीवास्तव ने कहा कि, इस अधिनियम के आने से महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान पूरी तरह से सुरक्षित है और किसी भी उत्पीड़न की दशा में,उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति के ख़िलाफ महिलाएं ,शिकायत दर्ज कर न्याय प्राप्त कर सकती हैं । श्री श्रीवास्तव ने आगे कहा कि,हमारे कार्यालय में हमने पूरा प्रयास किया है कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान पूरी तरह से हो और उनको किसी भी तरह की कोई शिकायत का अवसर प्राप्त न हो ।
इसके पूर्व इसी विषय पर,विज्ञापन प्रसारण सेवा की कार्यालय प्रमुख श्रीमती कविता सिंह ने राजस्थान की दलित महिला ,भंवरी देवी का ज़िक्र करते हुए कहा कि,अधिनियम, उसी अत्याचार की घटना के घटित होने जे पश्चात् लाया गया और इसका श्रेय निश्चित रूप से उन सारे संगठनों को जाता है जिन्होंने,इस अधिनियम को लाने के लिए पुरज़ोर कोशिश की ।श्रीमती कविता सिंह ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि,इस अधिनियम के आने से ,महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा की जा सकती है और उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति को सज़ा दिलाई जा सकती है ।
कार्यशाला के, दूसरे सत्र में,"कार्यालय में हिंदी में कार्य करना कितना आसान" विषय पर केंद्र प्रमुख, श्री धर्मेंद्र श्रीवास्तव के साथ-साथ,श्रीमती कविता सिंह श्री विश्वास केलकर श्री मिथिलेश कुमार पांडेय, श्री विभाष सक्सेना और अन्य व्याख्यानकर्ताओं ने अपने विचार रखते हुए, इस बात पर ज़ोर दिया कि,हम सब यदि ध्यान से सोचें तो यह महसूस करते हैं कि, अंग्रेजी के बजाय हिंदी में काम करना आसान है, बस एक दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प की आवश्यकता है ।
इस विषय पर पूर्व सहायक निदेशक व समन्वयक (राजभाषा)श्री राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि, हम सभी सबसे पहले अपनी मातृभाषा में सोचते हैं और उसके बाद उसका अंग्रेजी में अनुवाद करने का प्रयास करते हैं, जबकि सच यह है कि,हम सब यदि अंग्रेजी के बजाय उसका अनुवाद हिंदी में करने की कोशिश करें तो उसका भावार्थ हिंदी में करना ज़्यादा आसान होता है । आपने सभी का आव्हान किया कि,हमारा कार्यालय ' क' क्षेत्र के अंतर्गत आता है,अतः हमें 100%,हिंदी में ही काम करना चाहिए। आपने आगे कहा कि,हम सबको हिंदी में कार्यसाधक ज्ञान अथवा प्रवीणता प्राप्त है,यहां तक कि, अधिकांश अधिकारियों /कार्मिकों को जिनकी संख्या 90% से अधिक है को, हिंदी में प्रवीणता प्राप्त है अतः यदि हम हिंदी काम करें तो निश्चित ही हमें आसानी होगी
कार्यशाला के तीनों सत्रों का संचालन विशेष आमंत्रित सदस्य व पूर्व सहायक निदेशक( राजभाषा), राजीव श्रीवास्तव ने किया । कार्यशाला के अंत में, आकाशवाणी भोपाल के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी,श्री एस. पी.सिंह ने मुख्य अतिथि,विशेष और विशिष्ट अतिथियों के साथ-साथ, कार्यशाला में उपस्थित ,समस्त अधिकारियों/कार्मिकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया ।
योगदान—राजीव श्रीवास्तव, आकाशवााणी भोपाल