मैं पदोन्नति पाकर आकाशवाणी गोरखपुर से नया नया आकाशवाणी लखनऊ आया था।नये पद दायित्व का ज्यादा अनुभव नहीं था।वी.वी.आई.पी.कवरेज से अक्सर समकक्ष लोग कन्नी काटते थे।मुझ नये नवेले को आदेश हुआ फैजाबाद जाकर प्रधानमंत्री अटल जी की जनसभा को कवर करने का ।तकनीकी टीम कुशल थी और मैनें अपने नौसिखियेपन का रोना उनसे रोकर गुहार लगाई कि सब कुछ सकुशल सम्पन्न हो ताकि नौकरी बची रहे।उन दिनों पोर्टेबल मेलट्रान पर ओ.बी.होती थी।शाम की जनसभा का पास आदि हमने दिन में पा लिया।किसी बड़े परिसर की जनसभा में लगभग 12फिट ऊंचा मंच था,काफ़ी दूरी की बैरीकेडिंग थी और उसी परिसर में हेलीकॉप्टर भी उतरना था।मंच के साइड में लेकिन मंच से काफ़ी दूर हमें जगह मिली ।तय समय पर गड़गड़ाहट करता हेलीकॉप्टर उतरा ।दिल की धुकधुकी बढ़ती रही।दोनो मेलट्रान पर रिकार्डिंग शुरू हुई।सकुशल पूरी भी हुई।
मुझे बताया गया था कि हर हाल में पी.एम.के अटैची को सभा समाप्त होते ही टेप दे देना है।क्यू शीट बन चुकी थी और टेप रिवाइंड हो ही रहा था कि अटल जी जनता को हाथ हिलाकर मंच से उतरने को हुए देखा ।घबड़ा कर मैं टेप का कार्टन (डिब्बा)हाथ में उठाकर चिल्लाने लगा ..प्लीज़,वन मिनट..वन मिनट..और घेरा तोड़ते हुए मंच की ओर दौड़ा।अटल जी का ध्यान मुझ पर गया,वे मंच पर रुक गये और उन्होंने अपने प्रेस अटैची को मेरी ओर इशारा किया ।वे जान गये कि ये आकाशवाणी की टीम है और नियमानुसार टेप हैंड ओवर करने के लिए मैं चिल्ला रहा हूं। प्रेस अटैची भागे भागे ख़ुद मेरे पास आ गये। तब तक टेप रिवाइंड हो चुका था और वह डिब्बा बंद भी हो चुका था।हमारी टीम की जान में जान आई ।मैनें हाथ हिलाकर अटल जी को धन्यवाद के लहजे में अभिव्यक्ति की और उन्होंने भी प्रति उत्तर दिया । उनके निधन के समाचार ने उन रोमांचक क्षणों को सचित्र सजीव कर दिया है।कितने महान थे अटल जी और आकाशवाणी के लिए उनके मन में कितना सम्मान था ।हजारों की भीड़ में भी वे मेरा मंतव्य समझ लिये और मुझे परेशानियों से बचा लिये ।उन्हें शत शत नमन !
द्वारा योगदान :-प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी,कार्यक्रम अधिकारी, आकाशवाणी(सेवानिवृत्त),लखनऊ। मोबाइल9839229129
ईमेल:-darshgrandpa@gmail.com