1989 में आकाशवाणी के राष्ट्रीय चैनल म़े हमारे निदेशक गुरुराज जी ने रेडियो कॉलम शुरू करने का निर्देश दिया..जिसमें किसी जानी मानी हस्ती को हर सप्ताह मनचाहे विषय पर प्रसारण करना था.. मुझे कुलदीप नैयर जी सबसे उपयुक्त लगे..लेकिन आपातकाल में गिरफ्तारी के बाद उन्होंने आकाशवाणी दूरदर्शन का बहिष्कार कर रखा था..मैं उनसे मिलने घर गया.. उन्हें मान मनौव्वल करके राजी किया..उन्होंने कहा मैं आपकी वजह से कसम तोड़ रहा हूँ.. फिर रेडियो कॉलम उनके ब्रिटेन में हाई कमिश्नर बनने तक चला.. और फिर वे निरंतर कार्यक्रमों में आते रहे.. वे स्वयं बंटवारे का शिकार होकर शरणार्थी बनकर आए थे लेकिन आजीवन साम्प्रदायिकता और घृणा के विरुद्ध संघर्षरत रहे..
अलविदा कुलदीप जी.. !
साभार :- श्री. लक्ष्मी शंकर वाजपेयी के फेसबुक पेज से
ब्लाग रिपोर्टर :- श्री. प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी, लखनऊ।