पूूूरेे विश्व के साथ साथ भारत में भी प्रगतिवाद ने सामजिक और धार्मिक मूल्यों को गहरा आघात पहुंचाया है | सामाजिक मूल्य धर्म और संस्कृति की नीव पर तैयार और विकसित होते हैं |इसीलिए कानून , समाज और धर्म का अत्यंत निकट का सम्बन्ध है| लखनऊ के सेवानिवृत्त कार्यक्रम अधिकारी श्री प्रफुल्ल कुमारत्रिपाठी के पिता , गोरखपुर के विख्यात आपराधिक अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता ,लेखक,विचारक और दी.द.उपा.गो.वि.वि.में अंशकालिक विधि प्रवक्ता आचार्य प्रतापादित्य की स्मृति में विश्वविद्यालय के विधि विभाग की ओर से 28मार्च 2018 बुधवार को संवाद भवन में सम्पन्न "आचार्य प्रतापादित्य मेमोरियल लेक्चर " में ये बातें सामने आई हैं | " धर्म,समाज और कानून " विषयक व्याख्यान के मुख्य वक्ता ला कालेज,बी.एच.यू.के प्रोफेसर डी.के.मिश्रा ने आगे कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक आचरण और कानून की आधारशिला भी धर्म ही है ।विधि विभाग के अध्यक्ष और संकायाध्यक्ष प्रोफ़ेसर जितेन्द्र मिश्रा ने आचार्य जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला |कुलपति प्रोफ़ेसर वी.के.सिंह ने व्याख्यान के विषय पर प्रकाश डाला |आचार्य जी के परिजनों की ओर से उनके बड़े पुत्र प्रोफ़ेसर सतीश चन्द्र त्रिपाठी ने सभी का आभार प्रकट करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि विधि विभाग हर वर्ष इसी तरह आचार्य जी की स्मृति को जीवन्तता प्रदान करता रहेगा |आयोजन की स्मृति को दीर्घकालिकता देने के लिए विधि विभाग परिसर में सघन वृक्षारोपण भी किया गया |स्थानीय समाचारपत्रों ने इस आयोजन को भरपूर कवरेज प्रदान किया |
प्रसार भारती परिवार इस आयोजन के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने पर हर्ष व्यक्त करता है।
ब्लाग रिपोर्टर :- श्री. प्रफुल्ल कुमारत्रिपाठी ,लखनऊ।
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