देश की सुरीली धड़कन, शुभवाणी लाभवाणी आकाशवाणी के केन्द्रीय विक्रय एकांश, मुंबई अपनी स्थापना के 50 वर्ष सन 2018 में पूरा करने जा रहा है। अक्टूबर, 2017 से 2018 तक यह स्वर्णजयंती वर्ष को चार मुख्य समारोहों से सजाया जाएगा।
पहला समारोह लोक धारा 20 दिसम्बर, 2017 को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई मै चर्चगेट स्थित आकाशवाणी सभागार में शाम पाँच बजे से आयोजित किया गया। इस समारोह मे देश के तीन प्रांत की लोक गीतों की मिट्टी ने पूरे सभागार को सौंधी खुशबू से सराबोर कर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत बुन्दु खान लंगा के मांगनियार गीतों से हुई जिसमे सभी को राजस्थान के रेतीले टीलो मे पहुँचा दिया। बुन्दु खान लंगा ने गुरुवंदना, गणपती वंदना से सभागार को भक्तिमय कर दिया। गणपती वंदना के बोल थे- महाराज गजानन आओ रे..... फिल्मी गीतों का पारंपरिक और मौलिक स्वरूप प्रस्तुत किया। जैसे नींबुड़ा नींबुड़ा..... का और मौरनी बागा मा बोले.....का। मोरनी बागा के मूल बोल है – मोरिया रातो बोल्यो रे ....... इसका पारंपरिक रूप लोक धारा के माध्यम से दर्शकों तक पहुँचा।
आपकी गायकी में स्वर का उतार चढ़ाव, भावप्रदर्शन की खास शैली श्रोता- दर्शंकों पर जादूसा असर करती है। जब बुन्दु खान लंगाजी ने अपनी गायकी के माध्यम से राजस्थानी लोक गीतों का अनमोल खजाना बिखेरा और लोग ठगे से रह गये। सभागार लोक गीतों ओर लोगों की तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
लावणी साम्राज्ञी सुरेखा पुणेकर और साथी ने 'गण' से अपनी प्रस्तुति का शुभारंभ किया और फिर मुजरा प्रस्तुत किया। बैठकीची लावणी में दो गीत गाये गये जिसके बोल थे-
1. या रावजी तुम्ही बसा भावजी.....
2. पिकल्या पानाचा देठ की हो हिरवा.....
सुरेखा पुणेकर की दमदार आवाज से श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। अपने साथियों के साथ मंच को सुशोभित किया नाचाची लावणी के, बोल थे- पाडाला पिकला आंबा..... बिजली की गति से हो रहे नृत्य ने सभी का मन जीत लिया। लावणी कार्यक्रम की समाप्ती भैरवी से हुई।
लोक धारा की इस मंच प्रस्तुति के तीसरे जोशीले गायक थे- भांगड़ा स्टार निर्मल सिद्धू पंजाब की धरती से पधारे बाबा फरीद के भक्त सूफी गायक निर्मल सिद्धू ने कार्यक्रम की शुरुआत बाबा फरीद के दोहों से की। फिर तो गेहू के सोने जैसी बालियों और पीली सरसों का रंग मंचपर ऐसा बिखेरा की सभी के पैर थिरक उठे। Ja`aगारिक पंजाबी गीत प्रस्तुत करके उन्होने दर्शकों की तालियां बटोरी। गीत के बोल थे-
1. हर गबरू दे दिल विच तू हर पल वसदी.....
2. जिथे वि जाण पंजाबी.....
3. मित्रा दे नाल तेरी चढ़ाई.....
अपने दिलकश अंदाज से निर्मल सिद्धू जी ने सभी को ऐसा जोड़ा की बुन्दु खानजी ने मंच पर आकर स्वर मे स्वर मिला दिया। राजस्थान और पंजाब जब एक साथ मंच पर पहुँचे तब दर्शक खुद को नहीं रोक सके और सभी ने ढ़ोल और खड़ताल की धुन पर नाचना शुरू कर दिया। किसी के पाँव थिरकने से थमने को तैयार नहीं थे। देश की मिट्टी का रंग सभी पर बखूबी चढ़ गया और इस कार्यक्रम ने सभी की शाम को यादगार बना दिया।
सी.एस.यू. के निमंत्रण पर कई एजेंसी और क्लाईंट, राष्ट्रीयकृत बैंक के उच्च अधिकारियों ने सभागार की शोभा बढ़ाई। सभी को कार्यक्रम के बीच बीच मे पुष्पगुच्छ से सम्मानित किया गया। आवाज की दुनिया के बेताज बादशाह श्री अमीन सयानी अपनी उम्र और स्वास्थ के कारण नहीं आ सके किन्तु अपने भावपूर्ण संदेश मे आकाशवाणी को अपने प्रसारण की जन्मभूमि बताते हुए अपनी उपस्थिति का एहसास कराया। मंच का सफल संचालन विविध भारती के उद्घोषक युनूस खान ने बहुत ही जानकारी पूर्ण रोचक अंदाज मे किया।
सभागार मे आकाशवाणी की ओर से ADG (P) श्री नीरज अग्रवाल, DDG (E) श्री सुधीर सोधिया, ADG (E) श्री श्यामलाल जी उपस्थित थे। दूरदर्शन के ADG श्री थॉमस ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। समस्त कार्यक्रम की परिकल्पना केन्द्रीय विक्रय एकांश के प्रमुख श्री रवींद्र खासनीस की थी।
केन्द्रीय विक्रय एकांश के परिवार के प्रत्येक सदस्य के आपसी सामंजस्य ने और काम के प्रति निष्ठा ने इस समारोह को सफल बना दि
Contributed By :- Ravindra Khasnis Head of Office, CSU,AIR, Mumbai
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