श्री नवनीत मिश्र और श्री राम सागर शुक्ल को उ.प्र.हिन्दी संस्थान का पुरस्कार मिला।

 आकाशवाणी की दीर्घकालिक सेवा के बाद ज्यादा सक्रिय होकर साहित्य साधना में तल्लीन पूर्व समाचार वाचक श्री नवनीत मिश्र और भारतीय सूचना सेवा के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी श्री रामसागर शुक्ल को उ.प्र.हिन्दी संस्थान ने इस वर्ष का क्रमशः "साहित्य भूषण" और "सर्जना सम्मान" प्रदान किया है।
कल लखनऊ में सम्पन्न एक भव्य अलंकरण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन लोगों को यह सम्मान प्रदान किया।श्री मिश्र को उनके अब तक के साहित्यिक योगदान को देखते हुए मिले उ.प्र.शासन के इस प्रतिष्ठित सम्मान में मानद पत्र,अंगवस्त्र और दो लाख रुपये प्रदान किये गये हैं।
श्री नवनीत मिश्र को आज जब ब्लॉग रिपोर्टर ने प्रसार भारती परिवार की ओर से बधाई दी तो उन्होंने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सेवाकाल के दौरान रेडियो ने भाव,भाषा और अभिव्यक्ति की जो ऊर्जा दी है उसे साहित्य में रुपांतरण करने में अद्वितीय सुख मिल रहा है।ज्ञातव्य है श्री मिश्र के अब तक कुल 6कथा संग्रह,1नाटक,आकाशवाणी प्रसारण पर केंद्रित एक पुस्तक "वाणी-आकाशवाणी"और एक उपन्यास "सच के सिवा" छपी और प्रशंसित हो चुकी हैं।
इसी क्रम में प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला नजीर अकबराबादी "सर्जना पुरस्कार" श्री रामसागर शुक्ल को वर्ष 2018 मे प्रकाशित उनकी पुस्तक "वन चले राम रघुराई" पर दिया गया है।
उ.प्र. हिन्दी संस्थान के स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह मे मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि थे जबकि विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर देश भर से आए अन्य कई साहित्यकारोंं को भी पुरस्कृत और सम्मानित किया गया।

ब्लॉग रिपोर्ट-प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी, लखनऊ।ईमेल; darshgrandpa@gmail.com

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