35 साल पहले बनी फिल्म निकाह ने समाज को झकझोर कर रख दिया था। इस फिल्म में नारी की दशा का चित्रण था। 15 साल पहले अभिताभ बच्चन और हेमामालिनी पर फिल्माई गई फिल्म बागवान में मां-बाप के प्रति संतान के नजरिए में आए परिवर्तन का चित्रण था। यह दोनों ही फिल्म अपने-अपने समय की सबसे कामयाब फिल्मों में शुमार हैं। इन दोनों ही फिल्मों की पटकथा मथुरा की बहू अचला नागर जी ने लिखीं थी।
साहित्यकार अमृतलाल नागर की बेटी अचला का जन्म 2 दिसम्बर 1939 को लखनऊ में हुआ था। अचला का विवाह मथुरा के पहले निर्वाचित चेयरमैन एलपी नागर के पुत्र विमल कांत नागर से 1958 में हुआ था। कुछ वर्षों बाद ही वह मथुरा आकाशवाणी की उद्घोषिका बन गईं। आकाशवाणी के लिए उन्होंने कई नाटक, कहानियां लिखीं। यहां उन्होंने आकाशवाणी के लिए 'तोहफा' नाम का नाटक भी लिखा था। बाद में यही नाटक बीआर चोपड़ा को पसंद आया, जिस पर 1982 में फिल्म 'निकाह' बनी।
12 साल तक अचला नागर ने मथुरा आकाशवाणी के लिए काम किया। अचला नागर ने आखिर क्यों, ईश्वर, मेरा पति सिर्फ मेरा है, निगाहें, नगीना, सदा सुहागिन, बाबुल, नजराना जैसी कई प्रसिद्ध फिल्मों की पटकथा लिखी है। हिंदी सिनेमा में 32 फिल्मों की कहानी लिखने वाली वह एकमात्र महिला हैं। अचला नागर के लिखे नाटक, झलकियों का संग्रह 100 से अधिक है। उन्हें साहित्य के क्षेत्र में कई पुरस्कार मिले हैं। वर्तमान में 78 वर्षीय अचला नागर मुंबई में रह रही हैं। उनका परिवार मथुरा में डेंपियर नगर स्थित एलपी नागर रोड पर रहता है।
12 साल तक अचला नागर ने मथुरा आकाशवाणी के लिए काम किया। अचला नागर ने आखिर क्यों, ईश्वर, मेरा पति सिर्फ मेरा है, निगाहें, नगीना, सदा सुहागिन, बाबुल, नजराना जैसी कई प्रसिद्ध फिल्मों की पटकथा लिखी है। हिंदी सिनेमा में 32 फिल्मों की कहानी लिखने वाली वह एकमात्र महिला हैं। अचला नागर के लिखे नाटक, झलकियों का संग्रह 100 से अधिक है। उन्हें साहित्य के क्षेत्र में कई पुरस्कार मिले हैं। वर्तमान में 78 वर्षीय अचला नागर मुंबई में रह रही हैं। उनका परिवार मथुरा में डेंपियर नगर स्थित एलपी नागर रोड पर रहता है।
लिंक : https://www.amarujala.com/uttar-pr…/…/11521311178-agra-news…
साभार : अमर उजाला, 18 मार्च 2018>
स्रोत और श्रेय :- श्री. जावेंद्र कुमार ध्रुव जी के फेसबुक अकाउंट सेसाभार : अमर उजाला, 18 मार्च 2018>