प्रतिवर्ष 23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस मनाया जाता है। बॉम्बे रेडियो क्लब ने वर्ष 1923 में पहला कार्यक्रम प्रसारित किया. इसके बाद तत्कालीन भारत सरकार और इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी लिमिटेड नामक कंपनी के बीच एक समझौते के तहत 23 जुलाई 1927 को प्रायोगिक तौर पर बम्बई और 26 जुलाई 1927 को कलकत्ता में प्रसारण शुरू किया गया. प्रसारण नियंत्रक विभाग के अंतर्गत इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विस को जून 1936 में ऑल इंडिया रेडियो का नया नाम दिया गया. ऑल इंडिया रेडियो को वर्ष 1956 से आकाशवाणी के नाम से जाना जाने लगा.
ऑल इंडिया रेडियो प्रसारण की भाषाओं की संख्या के मामले में दुनिया के सबसे बड़े प्रसारण संगठनों में से एक है. आल इंडिया रेडियो भारत का राष्ट्रीय रेडियो प्रसारक है। इसका आदर्श वाक्य – "बहुजन हिताय : बहुजन सुखाय" है। यह देश के लोगों के लिए सूचना, शिक्षा तथा मनोरंजन का महत्वपूर्ण साधन है।वर्तमान में आकाशवाणी के 414 स्टेशन हैं और क्षेत्रफल के हिसाब से इसकी पहुंच भारत के 91.79 प्रतिशत क्षेत्रफल तक और जनसंख्या के हिसाब से 99.14 प्रतिशत तक है. भारत में आकाशवाणी से 23 भाषाओं तथा 146 प्रान्तीय भाषाओं में प्रसारण होता है.