आकाशवाणी गोरखपुर की लोकप्रिय उदघोषिका मोहतरमा मोहसिना ख़ान को उनकी चौथी पुण्यतिथि पर शिद्दत से याद किया गया। आकाशवाणी गोरखपुर की वे अत्यन्त लोकप्रिय उदघोषिका थीं। ख़ास तौर से देर रात में प्रसारित होने वाले पुराने फिल्मी गानों के कार्यक्रम "भूले बिसरे गीत"और फ़रमायशी कार्यक्रम "इन्द्रधनुष" को पेश करने का उनका अंदाज़ श्रोताओं को बेहद पसंद था ।भरपूर शेर ओ शायरी से लबरेज इन कार्यक्रमों की पेशकश से वे बहुत जल्द मशहूर हो गईं थीं ।
आकाशवाणी गोरखपुर में बतौर कैजुअल एनाउंसर दिसम्बर 1975 से अपनी प्रसारण यात्रा की शुरुआत करनेवाली मोहसिना ख़ान ने इसी केन्द्र पर विधिवत पहली फ़रवरी 1979 को बतौर नियमित उदघोषिका ज्वाइन किया था ।वे वहीं से रिटायर भी हुईं थीं ।आज ही के दिन वर्ष 2016में उनका देहांत हो गया था। उनके छोटे भाई जनाब रियाजुल्लाह खां आकाशवाणी नजीबाबाद और फिर आगरा में अपनी सेवाएं दे चुके हैं ।
इस ब्लाग रिपोर्टर को आकाशवाणी गोरखपुर में पहले बतौर प्रसारण अधिशासी और बाद में कार्यक्रम अधिकारी के रुप में अपनी नियुक्ति के दौरान मोहसिना ख़ान का सदैव रचनात्मक सहयोग मिलता रहा ।
वे बी-हाई ग्रेड की ड्रामा कलाकार भी रहीं।नि:सन्देह उनके अभाव से आकाशवाणी ने एक बेहतरीन प्रतिभा खो दी है ।आकाशवाणी के श्रोताओं को ऐसे हुनरमंद कलाकारों की कमी खल रही है जिनके हुनर से बेचैन दिलों को सुकून मिला करता था ..आवाज़ की दुनियां के माध्यम से ही सही !
◆द्वारा योगदान:- प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी,लखनऊ।ईमेल; darshgrandpa@gmail.com