आकाशवाणी छतरपूर अपनी यात्रा के 41 बसंत पार कर चुका है| आकाशवाणी छरतपुर का उद्घाटन, बुंदेलखण्ड की इस वीर प्रसूता धरा की कला, संस्कृति तथा यहॉं की गौरवमयी परम्पराओं एवं यहॉं की ऐतिहासिक विरासतों और विकास के नये आयाम देने हेतु दिनांक 7 अगस्त 1976 को मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री श्यामचरण शुक्ल द्वारा किया गया था|आकाशवाणी छतरपुर ने विगत 42 वर्षों में समाज के हर श्रोतवर्ग के लिए विभिन्न शिक्षा, सूचना एवं मनोरंजन से भरे कार्यक्रमों का प्रसारण कर तथा बुन्देली कला एवं संस्कृति को सहेजने में अपना अमूल्य योगदान दिया है|आकाशवाणी छतरपुर का ये परम सौभाग्य रहा है कि इस केन्द्र पर पदस्थ कायक्रम कर्मी महानिदेशालय एवं प्रसार भारती सचिवालय के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर सेवारत रहे| इसमें से मुख्य तौर पर पूर्व महानिदेशक श्री लीलाधर मंडलोई, अपर महानिदेशक श्री राजीव शुक्ला, श्री बी. कृष्णन आदि के नाम गिनाये जा सकते है| बुन्देली धरा के रेडियो स्टेशन आकाशवाणी छतरपुर का प्रसारण बुन्देलखण्ड के लगभग समस्त जिलों जिसमें उत्तरप्रदेश के साज जिले झॉसी, ललिपुर, बॉंदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट तथा मध्यप्रदेश के पॉच जिले छतरपुर, पन्ना, सागर, दमोह, टीकमगढ में सुनाई देते है| बुन्देली कला, लोक गायन, संस्कृति सहेजने में आकाशवाणी छतरपुर की महती भूमिका रही है| यहॉ के बुन्देली लोकगीतों के लोकधारा, लोकरंग आदि कार्यक्रम आज भी ग्रामीण श्रोताओं में बहुत ही लोकप्रिय है| इस इन्टरनेट तथा संचार के विभिन्न माध्यमों के बीच आकाशवाणी छतरपुर का प्रसारण आज भी जनमानस में अमिट छाप बनाए हुए है| यहॉ के प्रसिद्ध कार्यक्रमों में ग्रामीण श्रोताओं के लिए ग्रामसभा, घरनी एवं बुन्देली लोकगीतों के कार्यक्रम लोकधारा, लोकरंग अति पसंद किए जाते है| शहरी श्रोताओं में यहॉ के युववाणी, नारी जगत, बालमेला कार्यक्रम अति पसंद किए जाते है| मीडियम वेव 444.4 मीटर यानि 675 किलो हर्टज पर प्रसारित विविध कार्यक्रम प्रातः 5.55 बजे से रात्रि 11.10 बजे तक सुने जा सकते है|
प्रसार भारती परिवार की ओर से आकाशवाणी छतरपुर के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं|
Source : Shambudayal Ahirwar, PEX/HOO