आज संस्कृति यूनिवर्सिटी और आकाशवाणी मथुरा द्वारा रेडियो किसान दिवस का आयोजन विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया। इसमें मुख्य अतिथि पद्मश्री के लिए नामित दीदी Sudevi ने मथुरा जिले के किसानों से कहा कि ब्रज क्षेत्र में गाय का विशेष महत्व है। भगवान श्रीकृष्ण के काल से ही यहां गौपालन को महत्व मिलता रहा है। अफसोस की बात है कि आज किसान गाय की तभी तक सेवा करते हैं जब तक वह दूध देती है, यह उचित नहीं है। किसान भाइयों गाय धार्मिक ही नहीं व्यावसायिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। गाय का दूध ही नहीं इसका गोबर और मूत्र किसी औषधि से कम नहीं है। दीदी Sudevi ने कहा कि मैं सरकार से आग्रह करूंगी कि वह गौपालन को न केवल बढ़ावा दे बल्कि किसानों को इसके लिए प्रेरित और प्रोत्साहित भी करे।
रेडियो किसान दिवस पर वक्ताओं ने साझा किए अपने विचार
इस अवसर पर कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने कहा कि आकाशवाणी मथुरा और संस्कृति यूनिवर्सिटी रेडियो किसान दिवस के माध्यम से ब्रज के किसानों और छात्र-छात्राओं को एक नई दिशा देने का ही प्रयास है। उम्मीद है कि इससे सभी को लाभ मिलेगा। भविष्य में विश्वविद्यालय प्रयोगशाला स्थापित कर किसानों की मिट्टी की सेहत जांचने की व्यवस्था करेगा। श्री गुप्ता ने कहा कि ब्रज, ब्रज के बच्चे एवं किसानों के समग्र विकास के लिए संस्कृति यूनिवर्सिटी हरसम्भव प्रयास करेगी।
संस्कृति यूनिवर्सिटी और आकाशवाणी मथुरा के प्रयासों को किसानों ने सराहा
कार्यक्रम प्रमुख सर्वेश कुमार ने किसानों और कृषि संकाय के छात्र-छात्राओं को रेडियो दिवस की उपयोगिता के विषय में जानकारी दी। इस अवसर पर किसानों को बताया गया कि सूचना एवं मनोरंजन का सबसे सस्ता और सरल माध्यम रेडियो ही है। रेडियो और किसान का संबंध बहुत पुराना है। रेडियो दिवस के अवसर पर 250 से अधिक महिला और पुरुष किसानों को खेती किसानी की आधुनिकतम तकनीक, मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने, गौपालन, बकरी पालन सहित सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं आदि की जानकारी दी गई।
नगला उदैया, हाथरस निवासी डा. धर्मेन्द्र कुमार सिंह ने किसानों को व्यावसायिक गौपालन से होने वाले लाभों की विस्तार से जानकारी दी। डा. सिंह ने प्रगतिशील गौ पालन के अपने अनुभव भी किसानों को बताए। डा. के.के. सारस्वत ने किसानों को सेक्ससेल तकनीक की जानकारी देते हुए कहा कि किसान पशुपालन के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर सकते हैं। युवा कृषि व्यवसायी अंकित गुप्ता ने आई.सी.टी. और कृषि के व्यावसायीकरण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डा. ब्रजमोहन ने पॉली हाउस खेती की ब्रज में सम्भावना पर प्रकाश डाला। श्री सत्यवीर सिंह ने किसानों को बताया कि वह कैसे उर्वरक और लागत में कमी लाकर कृषि को लाभ का व्यवसाय बना सकते हैं। जिला उद्यान अधिकारी मथुरा डा. जगदीश चंद्र ने उद्यान विभाग की योजनाओं को विस्तार से समझाते हुए कहा कि किसान भाई बागवानी के माध्यम से अपनी स्थिति सहजता से सुधार सकते हैं।
प्रधान वैज्ञानिक डा. एस.के. दुबे ने कहा कि छाता तहसील क्षेत्र में मिट्टी एवं जल संरक्षण की स्थिति संतोषजनक नहीं है, यही वजह है कि यहां का किसान परेशान है। डा. दुबे ने कहा कि सरकार और किसानों के प्रयासों से यहां की मिट्टी को उपजाऊ बनाने के साथ ही क्षेत्रवासियों को खारे पानी से निजात दिलाई जा सकती है। प्रधान वैज्ञानिक सी.आई.एल.जी. मखदूम डा. अशोक कुमार ने बकरी पालन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे देश में 34 प्रजातियों की कोई साढ़े 13 करोड़ बकरियां हैं। उन्होंने कहा कि बकरी पालन सबसे लाभदायी धंधा हो सकता है बशर्ते किसान इनका बड़ी संख्या में पालन करें। डा. अशोक कुमार ने कहा कि बकरी का दूध मां के दूध की ही तरह बच्चों का पौष्टिक आहार है। इस अवसर पर किसानों को रबी की फसल की पैदावार बढ़ाने, सफेद मक्खी के प्रकोप से फसलों को बचाने की जानकारी भी दी गई।
संस्कृति यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. राणा सिंह ने किसानों को बताया कि वह किस तरह बाजार में अपनी उपज का सही लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन कुलाधिपति सचिन गुप्ता, कार्यक्रम की मुख्य अतिथि दीदी सुदेवी, कार्यक्रम प्रमुख सर्वेश कुमार, ओ.एस.डी. मीनाक्षी शर्मा आदि द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्चन और दीप प्रज्वलित कर किया गया। श्री सत्यव्रत सिंह ने विस्तार से केन्द्र की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिकारी सत्यव्रत सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन आकाशवाणी के कार्यक्रम प्रमुख सर्वेश कुमार ने किया।
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