आकाशवाणी चेन्नई के सहयोग से नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) द्वारा आयोजित दो दिवसीय हिंदी नाटक प्रतियोगिता में चेन्नई स्थित केंद्र सरकार के 14 कार्यालयों की टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता का उद्घाटन आकाशवाणी के उपमहानिदेशक टी. राजेंद्रन ने किया। इस अवसर पर उनके साथ नराकास के सदस्य सचिव और दक्षिण रेलवे के उपमहाप्रबंधक डॉ. दीनानाथ सिंह सहित प्रतियोगिता के निर्णायक प्रसिद्ध नाटककार बॉम्बे चाणक्य व गीत एवं नाटक प्रभाग के जितेंद्र भी उपस्थित थे। इस वार्षिक नाट्योत्सव में दक्षिण रेलवे, आकाशवाणी, दूरदर्शन, मंडल रेल कार्यालय, केंद्रीय विद्यालय, आयुध वस्त्र निर्माणी, कवच वाहन मुख्यालय, भारी वाहन कारखाना, आईआईटी आदि प्रमुख कार्यालयों की टीमों ने भाग लिया।
प्रतियोगिता के अंत में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक एवं नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष आर. के. कुलश्रेष्ठ ने की जबकि विशिष्ट अतिथि दक्षिण रेलवे महिला कल्याण संगठन की अध्यक्ष मानसी कुलश्रेष्ठ थी। सदस्य सचिव ने नराकास चेन्नई की राजभाषा विकास यात्रा के संक्षिप्त परिचय के साथ ही उपस्थित दर्शकों का स्वागत किया। दक्षिण रेलवे के मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त वीरेंद्र कुमार ने नाटक को साहित्य की सशक्त मनोरंजक और प्राचीन विधा बताया। टी राजेंद्रन ने कहा चेन्नई में दो दिन तक लगातार हिंदी नाटकों का सफल मंचन जिनमें नब्बे प्रतिशत से अधिक प्रतिभागी हिंदीभाषी हैं, यह साबित करता है कि तमिलनाडु में देश के अन्य भागों की तरह हिंदी लोकप्रिय हो रही है।
अध्यक्षीय संबोधन में दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक ने कहा नाटक रंगमंच पर मानवीय संवेदनाओं एवं अनुभूति की प्रस्तुति हैं। नाटक के माध्यम से कलाकार जीवन की विभिन्न समस्याओ को रंगमंच पर प्रस्तुत कर प्रकाश में लाते हैं । इस अवसर पर उन्होंने विजेता टीमों आयुध वस्त्र निर्माणी, सवारी डिब्बा कारखाना और दक्षिण रेलवे मुख्यालय को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्रदान किया। इसी तरह आकाशवाणी, दूरदर्शन और मंडल रेल कार्यालय चेन्नई को प्रथम, द्वितीय और तृतीय प्रेरणा पुरस्कार दिया गया। इसके साथ ही सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, अभिनेता, अभिनेत्री, सह-अभिनेता, सह-अभिनेत्री को पुरस्कार के अतिरिक्त दो विशेष पुरस्कार भी प्रदान किए गए। दक्षिण रेलवे की वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी महेश्वरी रंगनाथन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
द्वारा अग्रेषित :- श्री. श्री. झावेंद्र कुमार ध्रुव
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