आकाशवाणी छिंदवाड़ा में दिनांक 6 जनवरी, 2020 को शाम 4:00 बजे बहुद्देशीय स्टुडियो में हिंदी की प्रथम त्रैमासिक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कार्यालय के समस्त अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। केंद्र अध्यक्ष की श्री नरेश पानतावणे की अनुमति से मनोनीत राजभाषा अधिकारी श्री प्रवीण चौरे ने बैठक की शुरुआत की। सर्वप्रथम नववर्ष की मंगलकामनाओं के साथ उपस्थित आकाशवाणी परिवार के सभी सदस्यों का स्वागत किया और बैठक की रूपरेखा के बारे में अवगत करवाया गया। हिन्दी में कामकाज को लेकर आ रही समस्याओं और कैसे हिन्दी बड़ावा दिया जा सकता है इस संदर्भ मे सभी से अपने रचनात्मक विचार रखने हेतु आग्रह किया गया।
इस अवसर पर हाल ही में 20 दिसंबर, 2019 को इंदौर में आयोजित एक दिवसीय राजभाषा संगोष्ठी की कार्यवाही से भी सभी को अवगत कराया गया। सर्वप्रथम आशुलिपिक श्रीमती शशि मिश्रा ने अपने संगोष्ठी के अनुभव को साझा करते हुए हिंदी का प्रचार-प्रसार करने और कार्यालयीन कामकाज में अधिकाधिक हिंदी के उपयोग करने से संबंधित जानकारी दी। तत्पश्चात कार्यक्रम प्रमुख श्री जयंत उमरेडकर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए हिंदी की महत्ता पर प्रकाश डाला और बदलते तकनीकी परिदृश्य में हिंदी के बढ़ते उपयोग को रेखांकित किया। हिंदी अब सुलभ है हिंदी का उपयोग कार्यालय में आसानी से किया जा सकता है यह कहते हुए उन्होंने इच्छाशक्ति पर बल दिया और कहा कि अगर इच्छाशक्ति होगी तो निश्चित रूप से हिंदी में शत प्रतिशत कामकाज का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
हिंदी के समर्थन में अपने विचार रखते हुए प्रसारण अधिशासी श्री दीपांकर तिवारी ने हिंदी की विभिन्न विमाओं में विवेचना की। उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा नीति में भी हिन्दी को शामिल किया जाना चाहिए साथ ही विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं मे हिन्दी को बराबर का महत्व दिया जाना चाहिए। हिंदी बोलने वाले गैर हिंदी-भाषियों को सम्मान देना चाहिए। तकनीकी कार्यों मे भी हिन्दी का अधिक प्रयोग करना चाहिए और इसके साथ ही उन्होंने महानिदेशालय से प्राप्त होने वाले उपग्रह संदेशों को हिंदी में भी जारी करने का निवेदन भी किया। अभियांत्रिकी सहायक श्री आशीष भगत ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी हमारे चिंतन की भाषा है उच्च शिक्षा में भी हिंदी का प्रयोग होगा तो यह ज्ञान अर्जन में अधिक उपयोगी साबित हो सकती है। तत्पश्चात अभियांत्रिकी सहायक श्री चंद्रभान मरावी ने हिन्दी से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। उन्होने हिन्दी माध्यम के विध्यार्थियों की समस्याओं को भी रेखांखित किया। हिन्दी के जानकारों हेतु उपलब्ध अवसरों और हिन्दी के उपयोग को आसान बनाने वाले सॉफ्टवेयर के बारे में भी जानकारी दी।
इस अवसर पर केंद्राध्यक्ष श्री नरेश पानतावणे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी को अधिकाधिक हिंदी का उपयोग करना चाहिए। हर भाषा का अपना महत्व होता है, क्षेत्रीय भाषाओं का अपना अलग महत्व होता है।सभी भाषाओं का हमें सम्मान करना चाहिए।इस अवसर पर उन्होने हिन्दी के उपयोग में आ रही सभी समस्याओं को तत्काल निराकृत करने के साथ कार्यालय स्तर पर हिंदी के उपयोग करने के लिए सभी को निर्देशित किया।
मनोनीत राजभाषा अधिकारी और प्रसारण अधिशासी श्री प्रवीण कुमार चौरे ने इंदौर में आयोजित संगोष्ठी में दिये निर्देशों से कार्यालय के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को अवगत कराया और शत-प्रतिशत काम हिंदी में करने हेतु आग्रह किया। तत्पश्चात हिन्दी में हो रहे कार्यो की प्रगति की समीक्षा की गई। राजभाषा विभाग की मंशा अनुसार ई-मेल, व्हाट्सएप संदेश और एस॰एम॰एस आदि को भी हिंदी में प्रेषित कि जाना सुनिश्चित करने हेतु आग्रह किया। हिंदी को एक संपर्क भाषा के रूप में विकसित करने के लिए सभी के सामूहिक प्रयास की आवश्यकता पर बल दिया । बैठक में उठाए गए प्रश्नों का जवाब भी श्री चौरे द्वारा दिये गए। टायपिंग की समस्या के बारे में जानकारी देते हुए श्री चौरे ने बताया कि अब वॉइस टाइपिंग के माध्यम से हिंदी में टाइप करना आसान हो गया है। सॉफ्टवेयर की सहायता से हिंदी में टायपिंग करना बहुत हो गया है। अंत में श्री चौरे द्वारा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से वॉइस टाइपिंग(हिंदी) टायपिंग का प्रदर्शन किया गया। वॉइस टायपिंग की इस तकनीक को जानकार सभी अधिकारी-कर्मचारियों ने हर्ष व्यक्त किया और अपने समस्त दैनिक कार्यों को हिन्दी में करने का आश्वासन दिया तत्पश्चात श्री चौरे द्वारा आभार व्यक्त किया और इन पंक्तियों के साथ इस बैठक का समापन किया गया-
प्रयास अपना हम भरपूर कर लेंगे, कमियां जो होंगी उनको दूर कर लेंगे
हर काम करेंगे हम हिंदी में अपना, और दस्तखत करना तो एक दस्तूर कर लेंगे।
द्वारा योगदान :-प्रवीण कुमार चौरे,प्रसारण अधिशासी ,मनोनीत राजभाषा अधिकारी ,कृते सहा निदेशक (अभियांत्रिकी), आकाशवाणी छिंदवाड़ा, airchhindwara@gmail.com.