आकाशवाणी भोपाल अपना 65वाँ स्थापना दिवस मनाया ।


आकाशवाणी भोपाल केंद्र दिनांक 31 अक्टूबर को अपना 65वां स्थापना दिवस मनाया । आप विदित हो कि भोपाल शहर में आकाशवाणी केन्द्र की स्थापना 31 अक्टूबर 1956 को हुई थी । 10 किलो वाट के इस मीडियम वेव केंद्र के प्रसारण को रेडियो श्रोता 1593 किलोहर्टज पर सुन सकते हैं । 

प्राइमरी चैनल परिवार : आकाशवाणी भोपाल केंद्र में केंद्राध्यक्ष व इंजिनियरिंग हेड के रूप में श्री धर्मेंद्र कुमार श्रीवास्तव तथा प्रोग्राम हेड के रूप में श्री विश्वास केलकर, सहायक निदेशक (कार्यक्रम) कार्यरत है । 

कार्यक्रम अधिशासी : सर्वश्री एस पी सिंह जी, राकेश ढौंडियाल जी , सुधांशु कुमार जी, राजेश भट्ट जी, श्रीमती अनामिका चक्रवर्ती जी, सचिन भागवत जी, शुभम तिवारी जी व नौशाद अली अंसारी जी कार्यरत हैं । 

प्रसारण अधिकारी : सर्वश्री मनीष गजभिये जी, श्रीमती प्रीति छड़ीदार जी, सौरभ अवस्थी जी, पंकज नागर जी व विक्रम कुमार रंजन जी मीडियम वेव केंद्र में प्रसारण अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं । 

उद्घोषक : प्राइमरी चैनल के लोकप्रिय वरिष्ठ उद्घोषक डॉ. अरविंद कुमार सोनी व सुश्री अमिता त्रिवेदी जी कार्यरत हैं । 

विज्ञापन प्रसारण सेवा एफएम में : सीबीएस प्रमुख रूप के रूप में श्री विवस्वान आर्य जी, आनंद सिंह उद्दे जी व डॉ कृष्ण पाल सिंह जी आप सभी कार्यक्रम अधिशासी के पद पर कार्यरत हैं ।

प्रसारण अधिकारी : विज्ञापन प्रसारण सेवा एफएम में प्रसारण अधिकारी के पद पर सर्वश्री दीपक पवार जी, योगेश नागर जी व शरद बोपचे जी कार्यरत हैं । 

एफएम चैनल के लोकप्रिय उद्घोषक : 

सर्वश्री राजुरकर राज जी, पुरुषोत्तम श्रीवास जी व अनिल मुंशी जी विज्ञापन प्रसारण सेवा में लोकप्रिय वरिष्ठ उद्घोषक के पद पर कार्यरत हैं । 

आकाशवाणी भोपाल अपना 65वाँ स्थापना दिवस मनाया ।

मध्यप्रदेश की स्थापना के ठीक एक दिन पहले यानि 31 अक्टूबर 1956 को आकाशवाणी भोपाल की शुरुआत भोपाल के बड़े तालाब के किनारे स्थित काशाना बिल्डिंग नाम की एक छोटी सी इमारत से हुई थी। 

आज आकाशवाणी भोपाल प्रतिदिन लगभग 17 घंटे मीडियम वेव, डी. टी. एच. तथा मोबाइल एप पर सभी प्रकार के श्रोता वर्गों के लिए कार्यक्रम प्रसारित करता है। श्रोताओं में बेहद लोकप्रिय श्रीरामचरितमानसगान की शुरुआत का श्रेय आकाशवाणी भोपाल को जाता है। यही वो केंद्र है जहां सबसे पहले फ़ोन इन कार्यक्रम को सजीव रूप में फरमाइशी कार्यक्रम के लिए प्रस्तुत करने की शुरुआत हुई थी। भोपाल गैस त्रासदी के समय भी लोगों को जागरूक करने और मदद पहुंचाने में आकाशवाणी भोपाल ने महती भूमिका निभाई थी। 

आकाशवाणी भोपाल को अपने कार्यक्रमों के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाज़ा जा चुका है। अपने कार्यक्रमों की गुणवत्ता कायम रखने के लिए हमें आप सभी श्रोताओं की ऐसी ही भागीदारी की निरंतर आवश्यकता है। अपने प्रेमरूपी पुष्प आकाशवाणी भोपाल के प्रति ऐसे ही बरसाते रहें।

सभी श्रोताओं का हार्दिक आभार । 

वरिष्ठ उद्घोषक - राजूरकर राज जी कहते हैं : 

आकाशवाणी भोपाल का स्थापना दिवस है !31 अक्टूबर 1956 को इसकी स्थापना हुई बड़ी झील के किनारे 'काशाना' बंगले में। इस केन्द्र के पहले कार्यक्रम प्रमुख सुप्रसिद्ध कवि श्री गिरिजा कुमार माथुर थे । इस केन्द्र के प्रमुख के रूप में प्रख्यात साहित्यकार श्री कर्तार सिंह दुग्गल और श्री लीलाधर मंडलोई रहे, वहीं इस केन्द्र पर दुष्यन्त कुमार भी वरिष्ठ अधिकारी रहे। वरिष्ठ साहित्यकार श्री मनोहर पटेरिया मधुर जी ने चर्चा मे ज़िक्र किया था कि 'काशाना' बंगले से आरम्भ इस केन्द्र के अब कमोबेश वे इकलौते जीवित व्यक्ति हैं। वे आकाशवाणी नागपुर से ही रेडियो से जुड़े और भोपाल केन्द्र की शुरुआत के बाद से ही अनुबन्धित रूप से जुड़े और अनेक महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया । मुझे गर्व है कि मैं इस संस्थान का एक हिस्सा हूँ । मुझे इस संस्थान ने महत्वपूर्ण पहचान दी है । एक दशक से भी अधिक समय तक इसी केन्द्र से विधानसभा से कार्यवाही का आँखों देखा हाल सुनाने का अवसर मिला । आकाशवाणी भोपाल ने ही सबसे पहले फोन इन कार्यक्रम 'फोन करें गीत सुनें ' शुरू किया, जिसे सबसे पहले रिकॉर्डेड हमारी वरिष्ठ साथी परवीन क़ुरैशी ने प्रस्तुत किया और सबसे पहले सजीव प्रसारित करने का गौरव मुझे मिला।

आकाशवाणी भोपाल केन्द्र की स्थापना दिवस के अवसर पर आकाशवाणी परिवार को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं । 

द्वारा अग्रेषित : श्री झावेन्द्र कुमार ध्रुव रायपुर


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