आकाशवाणी अल्मोड़ा कल 34 वर्ष का हो गया



कल 34 वर्ष का हो गया आकाशवाणी अल्मोड़ा...34 वर्ष पुरे होने के बाद 35वें साल में प्रवेश के साथ आकाशवाणी के सभी श्रोताओं को बहुत बहुत शुभकामनाए..
15 जून 1986 में आकाशवाणी अल्मोड़ा की स्थापना हुई थी ।
प्रातः 6 बजकर 26 मिनट से हम सब आपके साथ होते है ।
अपनी प्रातःकालीन सभा लेकर.. अपराह्न के 3:30 मिनट तक और शाम को 5 बजे से 10:30 बजे तक, और करते है अपने सभी श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन..
आकाशवाणी अल्मोड़ा अपने हर वर्ग के श्रोताओं के लिए कार्यक्रम पेश करता है.. रविवार को बच्चे सुनते है अपना कार्यक्रम बाल वाटिका, महिलाओं का कार्यक्रम घर संसार और ऐपण, युवा श्रोता सुनते है युववाणी, किसान भाईयों का कार्यक्रम उत्तरायण और किसानवाणी साथ ही चर्चा परिचर्चा वार्ता कहानी काव्य और फ़िल्मी नग्मों के प्रोग्राम गीत निर्झर, मेरी पसंद, चित्रपट से, सैनिकों के लिए, भूलेबिसरे गीत, सुर बहार, आपके अनुरोध पर, रजत रश्मियाँ नॉन फ़िल्मी गीत आप सुनते है सबरंग, सबरस, सुगम संगीत और महफ़िल प्रोग्राम में....
बचपन से रेडियो सुनते सुनते 2010 में रेडियो से एक प्रोग्रामर के नाते जुड़ गयी और आज तक ये सिलसिला क़ायम है । रेडियो चलता रहता है और हमारा मनोरंजन होता रहता है, आज सोशियल मीडिया के ज़रिये आप सभी को आकाशवाणी अल्मोड़ा के स्थापना दिवस पर ये सब बताने का मौक़ा मिला ।
हम सलाम करते है रेडियो से जुड़े उन सभी उद्घोषकों, 
कॉम्पियर्स, और अपने श्रोताओं का जो समय समय पर हमें इतने ख़ूबसूरत प्रोग्राम और जानकारियां देते है, कोरोना के इस दौर में आप सभी कोरोना योद्धाओं का दिल से शुक्रिया । 
अब आप आकाशवाणी अल्मोड़ा से देश विदेश के किसी भी कोने में जुड़ सकते है । प्रसार भारती के न्यूज़ व air ऐप के ज़रिये । 
नाम गुम जायेगा,चेहरा ये बदल जायेगा!!
मेरी आवाज़ ही पहचान है, गर याद रहे!!! 
आकाशवाणी अल्मोड़ा से जुड़ी रेखा सिलोरी के Fb वॉल से साभार 
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बहरहाल, आकाशवाणी अल्मोड़ा केन्द्र की आज स्थापना दिवस के अवसर पर हमारी ओर से तथा हमारे अहिंसा रेडियो श्रोता संघ रायपुर छत्तीसगढ़ के सभी सदस्यों की ओर से आकाशवाणी अल्मोड़ा परिवार को हार्दिक बधाई एवं बहुत शुभकामनाएं..!


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