The year 2017 witnessed innumerable content driven movies striking a chord with the audience. When big-budget flicks like ‘Jab Harry Mets Sejal’ and ‘Tubelight’ had a bad fall, content proved itself as the king. Today, the star cast and budget really do not matter, what matters is the potential that the script holds. Understanding the new black, Karan Oberoi has also shifted his focus from the mainstream commercial projects towards the parallel cinema that talks about sense.
Karan, who is gearing up for the release of his upcoming movie “Strawberry Point’, said, “today’s audience is looking for meaningful films. They no more can be appealed and pleased by magnificent locations and big stars. Hence, as a part of this industry, we need to bring out something extraordinary that meets up to the expectations of the viewers.”
Strawberry point is going to be India’s first single-character movie. Speaking of how he came on board, Karan said, “The idea of making this film didn’t come to my mind. It’s actually director Prabal Baruah’s brainchild. He came to me with the script and I was completely blown by what I read and immediately volunteered to help produce it. After few discussions, we decided to get together and make it the first release from our production house.”
But apart from it being a single character movie, what’s the engaging factor about the movie that will persuade the audience to come to theatres?
Answering the same, Karan mentioned, “Strawberry Point is a suspense thriller and will keep you guessing the climax till the last frame of the film. It’s a thrill a minute film where every second will add to the intrigue and allure.”
वर्ष 2017 में कई ऐसी फिल्में ने दर्शकों को खुद से जोड़ा जिनकी कहानी में दम था। बिना अच्छी स्टोरी के बड़े बजट की फिल्मों में जब हैरीमिट्स सैजल और ट्यूबलाईट जैसी फिल्म धड़ाम हो गई। वर्तमान में स्टार कास्ट और बजट से कोई फर्क नहीं पड़ता, सिर्फ कहानी अच्छीहोनी चाहिए। इसी बात को समझते हुए करण ओबरॉय ने भी अपना ध्यान मुख्यधारा की कमर्शियल प्रोजेक्ट से हटाकार अर्थपूर्ण सिनेमाकी ओर लगा दिया है।
अपनी आने वाली फिल्म स्ट्राबेरी पॉईंट के लिए तैयारी कर रहे करण ने बताया कि आजकल दर्शको का मनोरंजन करना मुश्किल है। इसकेलिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। सिर्फ अच्छी लोकेशनो और बड़े सितारों के सहारें फिल्म नहीं चल सकती। इसलिए दर्शकों की अपेक्षापर खरा उतरने के लिए प्रत्येक फिल्म में कुछ असाधारण करने की जरूरत हैं। स्ट्राबेरी पाईंट के बारे में बात करते हुए करण ने बताया कियह भारत की पहली ऐसी फिल्म है जिसमें सिर्फ एक ही चरित्र होगा। करण का कहना है कि इस फिल्म का आइडिया फिल्म के निर्देशकप्रबल बरुआ के दिमाग की उपज है। वे स्क्रिप्ट लेकर मेरे पास आए। जब मैंने इसे पढ़ा तो मैं खो सा गया।
जब होश आया तो इसे बनाने को लेकर स्वंय से सहायता करने की बात कही। जिसके बाद कुछ बातचीत के बाद हमने साथ आने का फैसलाकिया और यह फिल्म हमारे प्रोडक्शन की पहली फिल्म भी बन गई।
ठीक है कि फिल्म में सिर्फ एक ही चरित्र है लेकिल इसके अलावा और क्या है जो दर्शकों को थियेटर आने के लिए प्रेरित करें?
इसका जवाब देते हुए करण का कहना है कि यह फिल्म एक मिस्ट्री थ्रिलर है। यह आपकों फिल्म के आखिरी फ्रेम तक बांधे रखेगी। यह एकमिनट की उस फिल्म के बराबर है जो आपको प्रत्येक सेकंड रोमांचित कर देगी।