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TEDx ईवेंट में वीना गुप्ता बताती है। ...... Imagine you're walking and sitting in a car alongside is a bodyguard...  a female bodyguard. Yes, I'm Vina Gupta, I'm your bodyguard I'm here to protect you isn't in an imagination soft looking woman soft-spoken wearing sari how can she protect me that's true this is my journey which was shaped because of society because of colleague, my competitor of course the family . I have faced many challenges in following my passion my dream because I was a rare case being a woman into male-dominated business profession .
47 साल की वीना गुप्ता पेशे से एक बॉडीगार्ड हैं और महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी देती हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्होंने एक ऐप भी बनाई है। 
वह दूसरी महिलाओं को फ्री कोचिंग समेत अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराती हैं। वीना के इस कदम के पीछे उनकी बेटी सबसे बड़ी वजह हैं।
वीना ने बॉडीगार्ड बनने का फैसला तब लिया जब वह खुद ईव टीचिंग का शिकार हुईं। 2007 में वह अपनी बेटी और फ्रेंड के साथ मार्केट में थीं। इस दौरान कुछ लड़के उन्हें परेशान करने लगे। इस घटना से वह काफी डर गईं। सवाल न सिर्फ उनकी सुरक्षा का था, बल्कि बेटी की सेफ्टी का भी था। उन्होंने फैसला किया कि वह इस डर से उबरेंगी और सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेंगी। इसके बाद वह बॉडीगार्ड बन गईं।

सेक्टर 56 में रहने वाली वीना गुप्ता बचपन से ही दबंग रही हैं। उन्हें इस काम को करने में किसी तरह का हिचकिचाहट नहीं हुई। घरवालों ने भी उन्हें पूरा सपोर्ट किया। पहले वो छोटे स्तर पर ही यह काम करती थीं, लेकिन अब उनका यूएस बेस्ड अमेरिकन बॉडीगार्ड कंपनी से टायअप है। इसके माध्यम से वह विदेश में भी अपनी सर्विस दे रही हैं। कॅनडाअमेरिका समेत वे कई देशों में जा चुकी हैं। साथ ही कोई विदेशी इंडिया आता है, तो कंपनी के माध्यम से एनआरआई को भी वह बॉडीगार्ड की सर्विस देती हैं।

वीना डब्ल्यूईएसएस यानी वुमन एम्पावरर्मेंट सिक्यॉरिटी एंड सेफ्टी नाम का एनजीओ चलाती हैं। इसके माध्यम से वे महिलाओं को फ्री में सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे रही हैं। हर शनिवार को वीना 3 घंटे सेक्टर-57 में महिलाओं को ट्रेनिंग देती हैं। साथ बॉडीगार्ड बनने के लिए कई महिलाओं को फुल ट्रेनिंग दे चुकी हैं। पहला बैच वह मुंबई में तैयार कर चुकी हैं। इसके बाद अब दिल्ली-एनसीआर के ग्रुप को तैयार करने लिए शेड्यूल तैयार कर रही हैं।

वीना बताती हैं कि ऐसी महिलाएं बहुत कम होती हैं जो इस प्रोफेशन में आती हैं। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है घर वालों का सपोर्ट। अगर परिवार के लोग लड़कों की तरह लड़कियों को भी पूरा सपोर्ट करें तो विमिन सेफ्टी का मुद्दा ही खत्म हो जाएगा और इस पुरुष प्रधान समाज को महिला प्रधान समाज बनने में देर नहीं लगेगी। बचपन से ही लड़का और लड़की में घर वाले फर्क न करें तो यह मुद्दा कभी निकल कर ही नहीं आएगा।

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