आकाशवाणी पुरोधा - पंचदेव पाण्डेय जी से एक मुलाकात
वर्ष 1983 में राष्ट्रीय समाचारों में 'ये आकाशवाणी है अब आप पंचदेव पाण्डेय से समाचार सुनिये' मात्र स्वर और उच्चारण की खनक से ही समझ जाते थे, और एकाग्र भाव से अपने रेडियो सेट पर आकाशवाणी का समाचार सुनते थे ।
विगत दिनों आकाशवाणी दिल्ली के समाचार सेवा प्रभाग में सीनियर समाचार वाचक के पद पर कार्यरत श्री बिमलेन्दु पाण्डेय से सकारात्मक बातचीत हुई । तो हमने बिमलेन्दु जी से आकाशवाणी के पुरोधा और उनके पिताश्री आदरणीय पंचदेव पाण्डेय जी के से बात कराने के संदर्भ में कहा तो वे सहर्ष तैयार हो गए और आदरणीय पंचदेव पाण्डेय जी से बात कराई । तो आप सभी लोग भी पंचदेव पाण्डेय जी के संदर्भ यह जानने के लिए जरुर उत्सुक होंगे कि वे कहां के रहने वाले हैं और आकाशवाणी के समाचार सेवा प्रभाग से कैसे जुड़े..? तो आइए अवगत होते हैं ।
बलिया जनपद अपनी क्रान्ति और देश की आजादी के साथ ही राष्ट्रीय आवाज के लिए सदैव याद किया जाता रहेगा, जिसके लिए घरबार त्याग कर भारत सरकार की जनसेवा के लिए,आकाशवाणी के पुरोधा व सुप्रसिद्ध पूर्व समाचार वाचक श्री पंचदेव पाण्डेय से विगत दिनों हमारी बातचीत हुई । तो आइए हम पाण्डेय जी के बारे में विस्तार से जानते हैं ।
श्री पंचदेव पाण्डेय आकाशवाणी दिल्ली केंद्र से सीनियर न्यूज रीडर के पद पर जनवरी 1997 में सेवानिवृत्त हुए थे । वैसे आपका जन्म तो उत्तरप्रदेश के बलिया जिले के पूंगा (पोंगा) गांव में 15 जनवरी 1939 को हुआ था । प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई लेकिन कक्षा सातवीं से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक की शिक्षा दीक्षा राजस्थान के बीकानेर शहर में हुआ ।
श्री पंचदेव जी जब 5 साल के थे तभी आपकी माताजी श्रीमती अजोरिया पाण्डेय जी का निधन हो गया था तथा आपके पिता पिताजी राजाराम पाण्डेय जी का निधन जब आप आकाशवाणी में सीनियर समाचार वाचक के पद पर कार्यरत थे उन्हीं दिनों दिल्ली में हो गया था ।
पंचदेव पाण्डेय जी की धर्मपत्नी श्रीमती कमलावती पाण्डेय दोनों एक ही जिले यानी बलिया जिले के रहने वाले हैं, तथा पंचदेव जी के गांव से पूर्व में 5 मीटर के आगे गांव की वे रहने वाली है ।
बीकानेर में आपके पिताजी संस्कृत कालेज के उद्भट संस्कृत विद्वान और प्रधानाचार्य थे । पंचदेव पाण्डेय जी अपनी पढ़ाई पूरी कर इसी संस्कृत कॉलेज में आप अध्यापक के रूप में कार्य कर चुके हैं ।
यह बात तब की है जब देश में पहली बार आम चुनाव हुए थे । संस्कृत कॉलेज में अध्यापक के रूप में कार्यरत के दौरान किसी अपनों ने सलाह दिया कि आप की मधुर आवाज है, विद्वान है,क्यों नहीं आप आकाशवाणी चले जाते हैं ? वहां असाइनमेंट के आधार पर आवश्यकतानुसार उद्घोषक का कार्य में भी जुड़ सकते हैं ।
फिर आपने ऐसा ही किया और आकाशवाणी बीकानेर में आवेदन किया फिर ऑडिशन के बाद आपका सलेक्शन असाइनमेंट पर अनाउंसर के रूप में 15 अक्टूबर 1963 हो गया । आप 1963 से लेकर 1966 तक आकाशवाणी में असाइनमेंट पर एनाउंसर के रूप में जुड़े रहे फिर 1966 में आपका सलेक्शन नियमित उद्घोषक के पद पर चयन हो गया ।
तो इस अवधि में असाइनमेंट पर अनाउंसर व ड्रामा आर्टिस्ट का बेनिफिट आपको नियमित उद्घोषक के बाद आपके सर्विस रिकॉर्ड में जोड़ दिया गया ।
आकाशवाणी बीकानेर से आपका ट्रांसफर आकाशवाणी वाराणसी केंद्र हुआ जहां आप जनवरी 1970 से दिसंबर 1970 तक एक साल की अवधि में वहां कार्यरत रहे, जहाँ आपने दीपावली पर्व पर दरवज्जा खुल गये, फीचर और माँ गंगा पर फीचर बनाया यादगार रहा उस समय सारनाथ से प्रसारण कार्य होता था।
इसके बाद आपका प्रमोशन ट्रांसफर के रुप में सीबीएस आकाशवाणी कानपुर केंद्र हो गया जहां आप जनवरी 1971 से नवंबर 1972 तक कार्यरत रहे । तब कानपुर आकाशवाणी बेनाझाबर की पुरानी बिल्डिंग में स्थित था, बगल में जल संस्थान था और ब्रिटिश इंडिया कार्पोरेशन की लालइमली कंपनी चलती थी ।
कानपुर केंद्र से आपका ट्रांसफर आकाशवाणी इलाहाबाद केंद्र हो गया जहां आप अक्टूबर 1975 में ज्वाइन किए । इलाहाबाद केंद्र से पुनः आपका ट्रांसफर आकाशवाणी वाराणसी केंद्र हो गया । जहां आप नवंबर 1975 में ज्वाइन किए । आप मई 1983 तक वाराणसी केंद्र में कार्यरत रहे ।
आकाशवाणी वाराणसी केंद्र से आपका ट्रांसफर आकाशवाणी नई दिल्ली के समाचार एकांश में हो गया जहां आप नवंबर 1983 से न्यूज रीडर कम एडिटर व ट्रांसलेटर के पद पर कार्यरत रहे ।
जब आप आकाशवाणी में दिल्ली के समाचार एकांश में ज्वाइन किए तो एकांश के सीनियर न्यूज रीडर रहे देवकीनंदन पाण्डेय जी दो-तीन माह पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके थे तथा केजुअल न्यूज रीडर के रूप में वह पुनः आकाशवाणी केंद्र आते जाते रहे ।
श्री पाण्डेय जी ने बतलाया कि उन दिनों उनके साथ अश्वनी त्यागी जी, शीला मेहरा जी व रविंदर सभरवाल जी चारों एक साथ आकाशवाणी के समाचार एकांश में ज्वाइन किए थे ।
अपने दौर की समाचार वाचकों के संदर्भ में श्री पाण्डेय जी ने बतलाया कि उन दिनों अशोक बाजपेई जी, विनोद कश्यप जी, इंदु वाही जी, अनादि मिश्र जी, रामानुज प्रसाद सिंह जी, राजेंद्र अग्रवाल जी व कृष्ण कुमार भार्गव जी कार्यरत थे ।
पंचदेव पाण्डेय जी के दो पुत्र हैं दोनों आकाशवाणी में अभी कार्यरत हैं । बड़े पुत्र बिमलेन्दु पाण्डेय जी सीनियर न्यूज रीडर के पद पर आकाशवाणी दिल्ली में अभी कार्यरत हैं तथा छोटे पुत्र आकाशवाणी जैसलमेर में वरिष्ठ उद्घोषक के पद पर कार्यरत हैं ।
सम्प्रति आदरणीय पाण्डेय जी गाजियाबाद या कभी - कभी राजस्थान मौसम के अनुसार निवास करते हैं । हम सभी उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं । तो यह रहा आकाशवाणी के सेवानिवृत्त सुप्रसिद्ध समाचार वाचक पंचदेव पाण्डेय जी के संदर्भ में एक संक्षिप्त परिचय । यदि, आपके भी कुछ अनुभव या संस्मरण उनके संदर्भ में हो तो कमेंट्स के रूप में अवगत कराइएगा ।
द्वारा अग्रेषित : श्री झावेन्द्र कुमार ध्रुव रायपुर