बेसहारा बेटियों का सहारा हैं लखनऊ की इंदु सारस्वत, शादियों में एक मां की तरह करती हैं सारे इंतजाम



किसी भी समाज की तरक्की के लिए महिलाओं को खास किरदार निभाना पड़ता है। समझदार मां ही भावी पीढ़ी को निखार कर उसे बेहतर इंसान बना सकती है। यह कहना व मानना है लखनऊ की इंदु सारस्वत का। आकाशवाणी की 'ए' ग्रेड कलाकार व सीनियर सिटीजन इंदू उम्र के इस दौर में भी समाजसेवा के जज्बे से लबरेज हैं।

कई सामाजिक संगठनों से जुड़कर वह बेसहारा बेटियों को रोजगारपरक शिक्षा दिलवाकर अपने पैरों पर खड़ा करने में मदद करती हैं। उनकी शादियों में एक मां की तरह सारे इंतजाम वे खुद करती हैं।किसी भी समाज की तरक्की के लिए महिलाओं को खास किरदार निभाना पड़ता है।

समझदार मां ही भावी पीढ़ी को निखार कर उसे बेहतर इंसान बना सकती है। यह कहना व मानना है इंदु सारस्वत का। आकाशवाणी की 'ए' ग्रेड कलाकार व सीनियर सिटीजन इंदू उम्र के इस दौर में भी समाजसेवा के जज्बे से लबरेज हैं। 

द्वारा योगदान :-श्री झावेन्द्र कुमार ध्रुव ,jhavendra.dhruw@gmail.com

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