एक जमाने में लोग सिनेमा के पर्दे पर लोगों को चलते फिरते देखकर हैरान हुआ करते थे। फिर टेलीविजन के रूप में कुछ इंच का यह जादू घरों तक पहुंचने लगा। घर कितना बड़ा है इसका अंदाजा उसपर लगे 'एंटेना' से लगाया जाता था। शाम के वक्त 'एंटेना' की दिशा बदलना और चिल्लाकर पूछना 'आया' इस बात का संकेत होता था कि फलाने घर में टेलीविजन पर तस्वीर साफ नहीं आ रही है। ये बातें पुरानी जरूर हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों के जहन में आज भी ताजा हैं। देश में 'बुद्धू बक्सा' अर्थात दूरदर्शन का आना जितनी बड़ी खबर थी, उतनी ही बड़ी खबर थी उसका रंगीन हो जाना। 25 अप्रैल 1982 ही वह दिन था जब दूरदर्शन श्वेत श्याम से रंगीन हो गया।