पांच हजार मीटर की स्पर्धा में बख्शो देवी ने माइनस दो डिग्री तापमान में नंगे पांव दौड़ कर गोल्ड जीता था।
राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार-2016 से सम्मानित स्टेयर्स संस्था की ओर से इंदिरा स्टेडियम ऊना में चार दिवसीय युफ़्लेक्स स्टेयर्ज मेले के तीसरे दिन एथलेटिक्स के अंडर-19 मुकाबल हुए। उड़नपरी बख्शो देवी ने 1500 मीटर दौड़ में पहला स्थान हासिल किया है। जबकि मनीशा ने दूसरा, मोनू ने तीसरा स्थान झटका।
गौर हो कि 2015 में नंगे पावं रेस जीतने वाली बख्शो के पास ये रेस दौड़ने के लिए अच्छे जूते और ड्रेस तक नहीं थी। ऐसे में स्कूल यूनिफॉर्म और बिना जूतों के ही मैदान पर उतर गई और बड़ी बड़ी प्रतिभागियों को पछाड़कर मेडल जीत लिया था। आज भी बख्शो ने इस जज्बे को बरकरार रखा है और अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रही है।
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के ईसपुर गांव में रहती है।बख्शो के हालात कुछ अच्छे नहीं हैं। कड़ाके की ठंड में ओढ़ने के लिए ढंग के कंबल और रजाई इस परिवार के पास नहीं। झोपड़ीनुमा घर के एक कमरे के बीचोंबीच बने चूल्हे में परिवार के लिए खाना पकता है। आज बख्शो के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी हद तक ठीक हो चुकी है।
माता विमला देवी ने कहा कि बेटियों को किसी भी लिहाज से कम नहीं आंकना चाहिए। बख्शो देवी ने कहा कि वह खेलों में अपना और अपने परिवार का नाम रोशन करना चाहती है।
राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार-2016 से सम्मानित स्टेयर्स संस्था की ओर से इंदिरा स्टेडियम ऊना में चार दिवसीय युफ़्लेक्स स्टेयर्ज मेले के तीसरे दिन एथलेटिक्स के अंडर-19 मुकाबल हुए। उड़नपरी बख्शो देवी ने 1500 मीटर दौड़ में पहला स्थान हासिल किया है। जबकि मनीशा ने दूसरा, मोनू ने तीसरा स्थान झटका।
गौर हो कि 2015 में नंगे पावं रेस जीतने वाली बख्शो के पास ये रेस दौड़ने के लिए अच्छे जूते और ड्रेस तक नहीं थी। ऐसे में स्कूल यूनिफॉर्म और बिना जूतों के ही मैदान पर उतर गई और बड़ी बड़ी प्रतिभागियों को पछाड़कर मेडल जीत लिया था। आज भी बख्शो ने इस जज्बे को बरकरार रखा है और अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रही है।
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के ईसपुर गांव में रहती है।बख्शो के हालात कुछ अच्छे नहीं हैं। कड़ाके की ठंड में ओढ़ने के लिए ढंग के कंबल और रजाई इस परिवार के पास नहीं। झोपड़ीनुमा घर के एक कमरे के बीचोंबीच बने चूल्हे में परिवार के लिए खाना पकता है। आज बख्शो के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी हद तक ठीक हो चुकी है।
माता विमला देवी ने कहा कि बेटियों को किसी भी लिहाज से कम नहीं आंकना चाहिए। बख्शो देवी ने कहा कि वह खेलों में अपना और अपने परिवार का नाम रोशन करना चाहती है।