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समारोह में मुख्य अतिथि श्री महेश श्रीवास्तव ने पुरस्कृत होने वाले अधिकारियों/कार्मिकों को बधाई देते हुए,अपने आशीर्वचन में कहा कि, हिन्दी हमारे देश की राजकाज की भाषा अर्थात राजभाषा है, इस पर हम सभी को गर्व होना चाहिये तथा हिन्दी को अपनाने के प्रति, हमारे अन्दर जो हिचक और हीनभावना है उससे हमें मुक्त होना चाहिये तभी हम राजभाषा हिन्दी को उसका उचित स्थान दिला सकेंगे।
आपने आगे कहा कि संस्कृत के मूल से जन्मी भाषा हिन्दी व्याकरणिक दृष्टि से बहुत सरल और सहज भाषा है , इसकी लिपि देवनागरी है और इसमें जैसा हम उच्चारण करते हैं, वैसा ही लिखते भी हैं । हिन्दी बहुत समृद्व और अनेकों समानार्थी शब्द रखने वाली भाषा है इसलिए इसका भविष्य उज्जवल है । आपने अपनी बात को समाप्त करते हुए अंत में कहा कि, एक दिन यह पूरी तरह राजभाषा के रूप में, स्वतः स्थापित हो जायेगी इसमें मुझे कोई संदेह नहीं।
इस अवसर पर अध्यक्षीय उदवोधन में केन्द्राध्यक्ष श्री धर्मेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि, हमारे लिए गौरव की बात है कि, मध्यप्रदेश गान के रचयिता व वरिष्ठ पत्रकार श्री महेश श्रीवास्तव जी ने हमारा आतिथ्य स्वीकार किया। आपने आगे कहा कि हिन्दी एक ऐसी सर्वमान्य भाषा है जिसका उपयोग एक संपर्क भाषा के रूप में स्वतंत्रता के पूर्व से होता रहा है, अब हिन्दी आने वाले समय में विश्व भाषा का स्थान पाने के लिए प्रयत्नशील है, यह सुखद है ,क्योंकि हिन्दी आज विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली चीनी के बाद दूसरी भाषा है । आपने अपनी बात को समाप्त करते हुए कहा कि, यह केन्द्र सरकार की राजकाज की भाषा है , अतः हम सब का दायित्व है कि इसको आगे बढा़ने के लिए हम सब,अपना अधिकाधिक कार्यालयीन कामकाज राजभाषा हिन्दी में ही करें।
इसके पूर्व आकाशवाणी भोपाल के कार्यक्रम प्रमुख श्री विश्वास केलकर ने अपने संबोधन में कहा कि, हिन्दी में अभी बहुत कार्य करना शेष है । आपने कहा कि खासतौर से हमें समानार्थी शब्दों की खोज करना जरूरी है, ताकि हम सब , वैकल्पिक तौर पर, उन समानार्थी शब्दों का इस्तेमाल अपने तरह से सही जगह और सही स्थान पर कर सकें।
समारोह में विशिष्ट अतिथि व विज्ञापन प्रसारण सेवा की कार्यालय प्रमुख श्रीमती कविता सिंह ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में, हिन्दी की , कार्यालयीन कामकाज में उपयोगिता, इसके विकास एवं प्रभाव के विषय में विस्तार से प्रकाश डाला तथा कहा कि हम सबको मिलकर इसे राजभाषा का दर्जा दिलाना आवश्यक है तथा हिन्दी की मानक शब्दावली का प्रयोग और सहज सरल कामकाज इसे उचित स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा ऐसा मेरा विश्वास है ।
समारोह में मुख्य अतिथि अध्यक्ष विशिष्ट अतिथि व विशिष्ट अतिथियों द्वारा सर्व श्री दीपक सचदेव, मिथलेश कुमार पाण्डेय, सचिन भागवत, कृष्णपाल सिंह, शुभम तिवारी , सौरभ अवस्थी, शरद बोपचे, योगेश नागर ,पंकज नागर , कपिल शिखरे , श्रीमती सजिता सुरेश , श्रीमती मंजुषा पांढरीपाण्डे, श्रीमती विजी वर्गीस , श्रीमती शर्ली जार्ज , श्रीमती प्रमीला नायर, श्री अभय गिलके, श्री रघुवीर चिराड़ तथा श्री प्रताप सिंह को नकद पुरस्कार व प्रमाण पत्र प्रदान किये जबकि सर्व श्री नौशाद अली अंसारी, सुधांशु कुमार ,अरविन्द सोनी , दीपक पवार , राजेन्द्र शर्मा, कवीन्द्र कुमार ,पवन सिंह कुशवाहा तथा श्रीमती संगीता कोष्टा को मुख्य अतिथि के हाथों विशेष प्रतिभागिता पुरस्कार प्रदान किये गए ।
समारोह के अंत में वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी श्री एस.पी. सिंह ने मुख्य अथिति,अध्यक्ष,विशेष अतिथि,विशिष्ठ अतिथि के साथ -साथ कार्यक्रम में उपस्थित सभी अधिकारियों व कार्मिकों के प्रति आभार प्रकट किया ।
योगदान—राजीव श्रीवास्तव, ब्लॉग रिपोर्ट—प्रवीण नागदिवे