शाम-ए-गजल के साथ आकाशवाणी जम्मू ने मनाया स्थापना दिवस ।





आकाशवाणी जम्मू ने रविवार को अपना स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर आयोजित शाम-ए-गजल कार्यक्रम में डा. रोशन भारती, डा. दीपाली वात्तल, कुलदीप राय ने गजलें सुनाकर रेडियो जम्मू के स्थापना दिवस को यादगार बनाया।

टीचर्स भवन में आयोजित इस शाम-ए-गजल कार्यक्रम की शुरुआत कुलदीप राय ने पूर्ण अहसान और रविद्र जैन की प्रसिद्ध गजल के साथ की। डा. दीपाली वात्तल द्वारा गाई फैज अहमद फैज की गजल 'शाम-ए-फैराक अब न पूछ, आई और आके चली गई..' को खूब दाद मिली। राजस्थान से पधारे डॉ. रोशन भारती ने अपनी गजलों से समां बांधा। डॉ. सागर फैराज की गजल 'उसके हंसते चेहरे से तो ऐसा लगता है.'. को दर्शकों ने पसंद किया। उनके द्वारा गाई फैज रतलामी की गजल 'मैंने कहा नजर मिला, उसने कहा नहीं नहीं..' पर भी हाल तालियों से गूंज उठा।

स्वागत भाषण में डीडीजी इंजीनियरिग राजेश कुमार ने आमंत्रित मेहमानों का स्वागत किया। उन्होंने आकाशवाणी जम्मू के 72 वर्ष के सफर पर संक्षिप्त प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि वाइस चांसलर जम्मू यूनिवर्सिटी प्रो. एमके धर, एडिशनल कमिश्नर, इन्कम टैक्स, जम्मू एसके शर्मा, पूर्व मंत्री, डोगरा सदर सभा के अध्यक्ष गुलचैन सिंह चाढ़क, पूर्व निदेशक रेडियो कश्मीर जम्मू वीके सम्बयाल, डिप्टी डायरेक्टर दीदार सिंह आदि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का आगाज किया। कार्यक्रम का आयोजन प्रोग्राम एग्जीक्यूटिव म्यूजिक सेक्शन राजेश गुप्ता की देखरेख में किया गया। सैमी फिरोज ने कार्यक्रम को संगीतबद्ध करने में विशेष योगदान दिया। मंच संचालन सीनियर एनांउसर माधवी शर्मा ने किया। आमंत्रित मेहमानों का धन्यवाद रेणु रैना ने किया। उन्होंने बताया कि किन हालात में रेडियो जम्मू की शुरुआत श्री रणवीर सिंह हायर सेकेंडरी स्कूल से शुरू हुआ और आज जनजन की आवाज है। कार्यक्रम में रेडियो के वरिष्ठ अधिकारी सतीश मल्होत्रा, बचन भगत, संजीव शर्मा, शिव मोहन शर्मा, राकेश सत्थू, सैजन्य शर्मा, विजय गोस्वामी, विजय वर्मा, के अलावा कई गणमान्य कला प्रेमी एवं रंगकर्मी राजेंश्वर सिंह राजू, राजेश्वर सिंह राजू, जगमोहन, सुभाष लंगेह, बृज शर्मा आदि शामिल थे।

स्रोत :- https://ift.tt/2Y8Em0h

द्वारा अग्रेषित : श्री. झावेन्द्र कुमार ध्रुव, jhavendra.dhruw@gmail.com

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