भारत-पाक विभाजन के 60 साल बाद आखिरकार अमृतसर को अपना रेडियो स्टेशन 24 सितम्बर को मिल गया । 60 साल से लगातार लाहौर का रेडियो स्टेशन भारत के आधे पंजाब और जम्मू-कश्मीर में अपनी भड़काऊ बयानबाजी से नफरत की आग उगलता रहा है। अब अमृतसर के घरिंडा में लगे टावर के जरिए 'देश पंजाब' रेडियो स्टेशन अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन के साथ-साथ लाहौर, सियालकोट और मुल्तान में भी सुनाई देगा। सोमवार को उस्ताद पूर्ण चंद वडाली व सूफी गायकी से 'देश पंजाब' का प्रसारण शुरू हुआ । खास तौर पर सूफी गायकी की मलिका ममता जोशी आयी थी और उनके साथ लखविंद्र वडाली भी थे ।
अब लाहौर रेडियो को 'देश पंजाब' देगा जवाब
अब लाहौर रेडियो को 'देश पंजाब' जवाब देगा। लाहौर और अमृतसर की 80 किलोमीटर की दूरी रेडियो टावर से कवर होगी। ऐसे में रफी के सिटी से पाकिस्तान जहां रेडियो पर गीत सुन सकेगा, वहीं श्री हरिमंदिर साहिब से प्रसारित होने वाली गुरबाणी का श्रवण कर सकेगा। जबकि लाहौर रेडियो हमेशा भारत के खिलाफ ही रेडियो पर भड़काता रहा है।
20 साल से दिल्ली कालेज के कम्प्यूटर प्रोफैसर केंद्र सरकार को लिख रहे थे चिट्ठियां
पिछले 20 साल से अमृतसर में रेडियो स्टेशन की मांग केंद्र सरकार से कर रहे दिल्ली कालेज के कम्प्यूटर के प्रोफैसर संदीप शर्मा कहते हैं की उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर मोदी तक अब तक 103 चिट्ठियां लिखी होंगी। उन्होंने कहा कि मैं धन्यावाद देता हूं 'पंजाब केसरी' का जिन्होंने समय-समय पर लाहौर रेडियो के टक्कर में अमृतसर रेडियो केंद्र बनाने में आवाज बुलंद की है।
'काश प्यारे लाल रेडियो पर साथ गाते'
सूफी गायकी की बेमिसाल जोड़ी पूर्णचंद वडाली और प्यारे लाल वडाली भारत और पाक के बीच सदैव दोस्ती और मोहब्बत के गीत सरहद पर गाते रहे हैं। पूर्णचंद वडाली ने कहा कि काश प्यारे लाल रेडियो पर साथ गाते। प्यारे लाल की यही इच्छा थी कि एक दिन अमृतसर रेडियो स्टेशन हो और उस पर दोनों भाई एक साथ भारत और पाक के बीच खुशी के गीत गाएं। आज वह दिन तो आ गया लेकिन मेरा प्यारा प्यारे लाल वडाली मेरे साथ न था । बता दें प्यारे लाल का पिछले दिनों स्वर्गवास हो गया है।