आकाशवाणी में श्री अवधेश तिवारी ने 24 जुलाई सन 1985 को अपनी प्रथम सेवा अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर से आरंभ की। उन्होंने प्रसारण के प्राथमिक अनुभव पोर्ट ब्लेयर में ही चार वर्षों तक सेवारत रहकर प्राप्त किए। वे बताते हैं कि उन दिनों समुद्री जल में चार दिनों तक निरंतर यात्रा करके पोर्ट ब्लेयर पहुंचना अपने आप में एक रोमांचक अनुभव हुआ था। वहां उन्होंने कृषि एवं गृह एकांश में अंडमान की कृषि और ग्राम्यसंस्कृति से जुड़े प्रसारणों में अपनी भरपूर सहभागिता दी और विश्वप्रसिध्द सेलुलर जेल का भ्रमण कर उस पर केंद्रित कार्यक्रम का निर्माण किया।
सन 1988 में वे आकाशवाणी छतरपुर केंद्र पर स्थानांतरित हुए जहां बुंदेलखंड की संस्कृति में आकंठ सराबोर होने का उन्हें अवसर मिला। सन 1990 में उन्हें आकाशवाणी छिंदवाड़ा स्थानांतरित किया गया और आकाशवाणी छिंदवाड़ा के प्रसारण आरंभ होने तक यानी 7 मार्च 1992 आकाशवाणी के परीक्षण प्रसारण से लेकर केंद्र की सारी तैयारियों की रूपरेखा में अपना महत्वपूर्ण सहयोग देते रहे। 7 मार्च 1992 को आकाशवाणी छिंदवाड़ा की प्रथम उद्घोषणा उन्ही की आवाज में हुई और फिर आकाशवाणी के साथ उनकी भी प्रसारण यात्रा चलती रही। पिछले लगभग 28 वर्षों से श्री तिवारी ने वार्ता,भेंटवार्ता, रूपक,नाटक, विज्ञापन,प्रोमो आदि में अपनी जानी पहचानी आवाज दी तथा जिले के सामान्य जनों के साथ-साथ विशिष्ट और अति विशिष्ट व्यक्तियों से भेंट कर उनकी रिकॉर्डिंग की। सबसे महत्वपूर्ण योगदान छिंदवाड़ा जिले की बोली के प्रचार-प्रसार के लिए उन्होंने रेडियो पर अनेक कार्यक्रम करके बोली को नए सिरे से प्रसारण से जोड़ा और स्वयं एक उद्घोषक के साथ-साथ "कल्लू के दद्दा" के रूप में आम जनता में लोकप्रिय हुए।
उन्होंने छिंदवाड़ा अंचल की भूली बिसरी कहावतों और लोकोत्तियो का संग्रहण करके "कल्लू के दद्दा कहिन" नामक किताब में प्रकाशित कर एक उल्लेखनीय कार्य किया। श्री तिवारी खड़ीबोली और लोकशैली के एक जाने-माने कवि भी हैं इनका खड़ी बोली का भी एक काव्य संग्रह "तिमिर के दीप " प्रकाशित हो चुका है। उल्लेख्नीय है कि गत वर्ष बुंदेलखंड साहित्य एवं संस्कृति परिषद् , म.प्र. द्वारा दिए जाने वाले "लोककवि ईसुरी सम्म्मान" से इन्हे सम्मानित किया गया है। आकाशवाणी छिंदवाड़ा की प्रसारण की कड़ी रूप में जिन महत्वपूर्ण व्यक्तियों के नाम जुड़े हुए हैं उनमें श्री तिवारी को भी सदैव याद किया जाएगा।
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