आकाशवाणी लखनऊ के लोकप्रिय केन्द्र निदेशक श्री पृथ्वीराज चौहान 31जनवरी को आकाशवाणी को अपनी दीर्घकालिक एवं मूल्यवर्द्धक सेवाएं देते हुए सेवानिवृत्त हो रहे हैं।श्री चौहान ने प्रसारण अधिशासी के रुप में आकाशवाणी की सेवा शुरू की थी।जुबली इंटर कालेज और भातखंडे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय लखनऊ से उनकी शिक्षा दीक्षा हुई।उत्कृष्ट कार्यक्रम निर्माण, लेखन और वक्ता के रुप में तो वे प्रसिद्ध हैं ही लोगों को यह बात भी मालूम हो कि वे सितार के भी एक सिद्धहस्त कलाकार हैं। 4दिसम्बर 1994 को उनकी शादी हुई और तबसे वे एक कुशल गृहस्थ अभिभावक का भी रोल माडल बने हुए हैं।उन्होंने अपने कार्यकाल में अनेक लोकप्रिय कार्यक्रम तैयार किये हैं।उनके सर्वश्रेष्ठ प्रोग्राम मैनेजमेंट और कठिन से कठिन समस्याओं का चुटकी में समाधान निकालने की जादुई प्रतिभा से आकाशवाणी महानिदेशालय भी प्रभावित रहा है। ब्लाग लेखक को लखनऊ केन्द्र पर उनके सहायक केंद्र निदेशक के रुप में 12वर्ष तक पर्याप्त संरक्षण मिला था।श्री चौहान की व्यवसायगत तमाम उपलब्धियां रही हैं जिनमें से एक अमेठी में एफ.एम.रेडियो की शुरुआत भी शामिल है। ब्लाग लेखक से हुई एक बातचीत में अपने रिटायरमेंट की बात पर हास्यपुट देते हुए श्री चौहान ने हंसते हुए कहा कि " मैं अभी ही 'हाशिये' पर महसूस करता हूँ.... बाद में 'शिये' भी हट जाएगा सिर्फ़ 'हा'.. 'हा' .. 'हा' ..बचेगा.....वायदा...मुलाक़ात होती रहेगी ! "श्री चौहान फिलहाल रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे इस बारे में उन्होंने अभी निर्णय नहीं लिया है लेकिन इतना अवश्य आश्वस्त करते हैं कि अब वे अपने संगीत के शौक को ज्यादा समय दे सकेंगे।
प्रसार भारती परिवार उनको इस निवृत्ति पश्चात जीवन के लिए हार्दिक शुभकामनाए देती है।
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द्वारा योगदान :-श्री प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी, darshgrandpa@gmail.com